Book Title: Samkit Pravesh - Jain Siddhanto ki Sugam Vivechana
Author(s): Mangalvardhini Punit Jain
Publisher: Mangalvardhini Foundation

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Page 276
________________ षट्कारक समकित : आज हमारी चर्चा का विषय षट्कारक है। जो किसी न किसी रूप में क्रिया' का जनक होता है उसे कारक कहते हैं। कारक छह होते हैं: 1. कर्ता 2. कर्म 3. करण 4. सम्प्रदान 5. अपादान 6. अधिकरण प्रवेश : यह कर्ता आदि क्या हैं ? समकित : जो स्वाधीनता से अपने कार्य को करता है उसे कर्ता कहते हैं। कर्ता जिस कार्य को प्राप्त करता है उसे कर्म कहते हैं। कार्य के उत्कृष्ट-साधन' को करण कहते हैं। कार्य जिसके लिये किया जाता है उसे सम्प्रदान कहते हैं। कार्य जिस ध्रुव (स्थिर) वस्तु में से किया जाता है वह अपादान है। कार्य जिसके आधार से किया जाता है उसे अधिकरण कहते हैं। प्रवेश : यह तो बहुत कठिन है। कारक / प्रयोग निश्चय द्रव्य पर्याय कर्ता कुम्हार मिट्टी कर्म घड़ा मिट्टी घड़ा करण मिट्टी घड़ा के लिए पनिहारिन मिट्टी घड़ा टोकरी मिटटी घड़ा अधिकरण | के आधार से / पृथ्वी मिट्टी 1.process 2.producer/sponser 3.factor 4. independently 5.achieve व्यवहार घडा चक्र सम्प्रदान अपादान घड़ा 6.task 7. supreme-mean 8.stable 9.basis

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