Book Title: Samkit Pravesh - Jain Siddhanto ki Sugam Vivechana
Author(s): Mangalvardhini Punit Jain
Publisher: Mangalvardhini Foundation
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________________ 5 सप्त व्यसन समकित : क्यों प्रवेश काल रात में नींद आयी या नहीं ? कहीं रातभर व्यसन के बारे में ही तो नहीं सोचते रहे ? प्रवेश : आपने कैसे पहिचाना कि मुझे रात में नींद नहीं आयी ? मैंने रात में दादी से व्यसन के बारे मे पूछा था। समकित : क्या बताया दादी ने ? प्रवेश : दादी ने बताया व्यसन सात होते हैं: 1.जुआ खेलना 2.माँस खाना 3.मदिरापान 4.वेश्यागमन करना 5. शिकार खेलना 6.चोरी करना 7.परस्त्रीसेवन समकित : बिल्कुल सही और क्या बताया दादी ने ? प्रवेश : दादी के पाठ का समय हो रहा था तो फिर उन्होंने आगे नहीं बताया। समकित : कोई बात नहीं। जो एक अक्षर का भी ज्ञान दे उसका बहुत उपकार है। आगे मैं बता देता हूँ। व्यसन कहते हैं लत' यानि कि बुरी आदत को। प्रवेश : तो क्या सारी बुरी आदतें व्यसन हैं ? समकित : असल में तो सारी बुरी आदतें व्यसन ही हैं और हमारी सबसे बुरी आदत जो कि अनादिकाल से चली आ रही है वह है स्वयं को नहीं जानना, स्वयं मे अपनापन नहीं करना व स्वयं में लीन नही होना और इसी कारण से सिर्फ दूसरों को जानते रहना, उनमें अपनापन करते रहना और उन्हीं में लीन-तल्लीन होकर राग-द्वेष (कषाय) करके संसार बढ़ाते रहना। 1.addiction 2.since-ever