Book Title: Samkit Pravesh - Jain Siddhanto ki Sugam Vivechana
Author(s): Mangalvardhini Punit Jain
Publisher: Mangalvardhini Foundation
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________________ 10 निश्चय-व्यवहार समकित : निश्चय-व्यवहार, यह विषय जिनागम का अत्यन्त ही महत्वपूर्ण विषय है। लेकिन यह विषय जितना ज्यादा महत्वपूर्ण है उतना ही ज्यादा अनसमझा और अनसुलझा है। फिर भी यह एक परम-सत्य है कि इस विषय को समझे बिना जिनागम के गूढ़-रहस्यों को समझ पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। प्रवेश : ऐसा क्यों? समकित : क्योंकि संपूर्ण जिनागम निश्चय-व्यवहार की शैली में ही लिखा गया प्रवेश : ओह ! समकित : तो चलो आज हम इस गूढ़ विषय को अत्यन्त सरलता के साथ समझने का प्रयास करते हैं। सबसे पहले जिनागम में निश्चय-व्यवहार शब्द का प्रयोग किन-किन संदर्भो में किया जाता है उनको हम निम्न चार्ट के माध्यम से देख लेते संदर्भ / निश्चय व्यवहार वस्तु ध्रुव-अंश पर्याय-अंश पर्याय शुद्ध-अंश अशुद्ध-अंश ज्ञान निश्चय-नय व्यवहार-नय श्रद्धा निश्चय-दृष्टि व्यवहार-दृष्टि चारित्र निश्चय-चारित्र व्यवहार-चारित्र कथन यथार्थ-कथन उपचरित-कथन इस चार्ट में हम देख सकते हैं किः 1.extremely-significant 2.un-understood 3.unsolved 4.supreme-fact 5.metaphysical-secrets 6.jain-scriptures 7.actual-formal 8.contexts 9.narration