Book Title: Karmagrantha Part 6
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
View full book text
________________
प्रमत्तविरत गुणस्थान में नामकर्म के संवेध भंगों का दर्शक विवरण अप्रमत्ततंयत गुणस्थान में नामकर्म के बंधादि स्थानों और संवेध भंगों का विचार अप्रमत्तसंगत गुणस्थान में संवैध भंगों का दर्शक विवरण ३४० अपूर्वकरण गुणस्थान में नामकर्म के बंधादिस्थानों व संवेध भंगों का विचार अपूर्वकरण गुणस्थान में संवैध भंगों का दर्शक विवरण ३४३ अनिवृत्तिबादर, सूक्ष्मसंपराय गुणस्थानों में नामकर्म के बंधादि स्थानों व संवेध भंगों का विचार
३४३ उपशान्तमोह, क्षीणमोह गुणस्थानों में नामकर्म के बंधादि स्थानों व संवेध भंगों का विचार सयोगि केवली गुणस्थान में नामकर्म के उदय व सत्ता स्थानों का विचार व उनके संवैध भंगों का दर्शक विवरण ३४६ अयोगिकेवली गुणस्थान में नामकर्म के उदय व सत्ता
स्थानों के संवैध का विचार व उनका दर्शक विवरण ३४७ गाथा ५१
गतिमार्गणा में नामकर्म के बंधादि स्थानों का विचार ३४८ नरक आदि गतियों में बन्धस्थान
३४६ नरकगति में संवेध भंगों का विचार
३५० नरकगति में संवैध भंगों का दर्शक विवरण
३५१ तिर्यंचगति में संवैध भंगों का विचार
३५२ तिथंचगति में संवेध भंगों का दर्शक विवरण
३५३ मनुष्यगति में संवेध भंगों का विचार
३५६ मनुष्यगति में संवेध भंगों का दर्शक विवरण देवगति में संवेध मंगों का विचार
३६० देवगति में संवेध भंगों का दर्शक विवरण
३५७