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७५८ कर्म-विज्ञान : भाग-२ : कर्मों का आम्रव और संवर (६)
शब्दशक्ति की व्यापकता
हम जिन शब्दों का उच्चारण करते हैं, वे शब्द हमारे सन्निकट प्रकम्पन्न समुत्पत्र करते हैं। उन ध्वनि तरंगों का हमारे पर बहुत गहरा असर होता है। पूना के डक्कन कालेज में मैंने स्वयं देखा है- ध्वनि का ज्यों ही उच्चारण होता है त्यों ही वे शब्द बिजली की चमक की तरह रेखाएँ बनाते हैं। उन शब्दों की गति बहुत ही चपल होती है। जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
हमारे शब्दशास्त्रियों ने वाणी के परा, पश्यन्ती, मध्यमा और वैखरी ये चार रूप प्रतिपादित किये हैं। प्राणमयी वाणी या ध्वनि 'परा' है। मनोमयी वाणी या ध्वनि ‘पश्यन्ती' है। ध्वनि की व्यञ्जक ध्वनि 'मध्यमा' है और जो स्थूल ध्वनि या वाणी है वा 'वैखरी' है। ये क्रमशः सूक्ष्मतम, सूक्ष्मतर, सूक्ष्म और स्थूल हैं। हम जो वार्तालाप करते हैं, वह बेखरी ध्वनि या वाणी है। मंत्रों के चमत्कार
मंत्र विज्ञान के चमत्कार की अनेक किंवदन्तियाँ सुनने को मिलती हैं। अमुक यति ने मन्त्र प्रयोग से अमावस्या की रात्रि को पूर्णिमा में परिवर्तित कर दिया। अमुक आचार्य ने मंत्र की शक्ति से ताले तोड़ दिये। मकान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचा दिया। ये सारी बातें सुनते हैं या पढ़ते हैं तब असम्भव जैसी लगती हैं पर आधुनिक विज्ञान ने आज सूक्ष्म ध्वनियों का विकास करके यह सिद्ध कर दिया है कि ध्वनि तरंगों में बहुत ही अद्भुत शक्ति है। स्थूल उपकरणों के अभाव में भी बड़े-बड़े कार्य सहज रूप से निष्पन्न किये जा सकते हैं।' सूक्ष्म ध्वनि से आश्चर्यजनक कार्य . नवनीत पत्रिका में पढ़ा था कि सूक्ष्म ध्वनि से अनेक आश्चर्यजनक कार्य किये जा सकते हैं। रोगी का ऑपरेशन बिना औजार के किया जा सकता है। सूक्ष्म ध्वनि तरंगें यन्त्र चलाकर रोगी के ऑपरेशन स्थल पर डाली जाती हैं, वे ध्वनि तरंगें निश्चित वर्तुल में आती हैं जिससे स्वतः ऑपरेशन हो जाता है। इस प्रकार ध्वनि तरंगों से ऑपरेशन के प्रयोग सफल हुए हैं। ध्वनि तरंगों से हीरा जो बहुत ही कठोर है वह भी काटा जा सकता है और अन्यान्य कार्य भी ध्वनि तरंगों से होते हैं। यह है शब्द शक्ति का चमत्कार। - मैंने यह भी पढ़ा है कि शब्दों से पानी का नल स्वतः चालू हो जाता है और स्वतः बन्द भी हो जाता है। शब्द ध्वनि से इस प्रकार का प्रकम्पन पैदा होता है कि कार का द्वार भी खुल जाता है और बन्द भी हो जाता है।
१. मंत्र शक्ति के चमत्कार (चमनलाल गौतम) पृष्ठ १०
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