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अनुक्रमणिका ।
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९५१
विषय पृष्टांक | विषय
पृष्टांक विषसंक्राति कृत अगद
सैंधवादि प्रयोग मकड़ियों की संख्या
कर्णिका पात में वृंहण उक्त विषय में हेतु
लूता विष में नेहन लूता विषका साध्यासाध्यत्व
लूता विष पर तीन प्रयोग पैत्तिक देश के लक्षण
लूता नाशक पानादि कफज दंश के लक्षण
अष्टत्रिंशोऽध्यायः । बातिक दंश के लक्षण
| चूहों के अठारह भेद दोषानुसार विभाग लक्षण
चूहाँ के विष की प्राप्ति असाध्य के लक्षण
चूहे के बिष में संवदेह का फैलना , असाध्य के तीन भेद
मूषक विष के असाध्य लक्षण मकडी के दंश के लक्षण
आखु दूषित वर्ण्य के लक्षण मकडी के श्वास से विष
वावले कुत्ते के लक्षण मकड़ी के श्वास से विष वमन
वावले कुत्ते के काटने के लक्षण मकड़ी आदि के दंश स्थान
वावले शृगालादि मकड़ी के प्रथम दिनका लक्षण ९४७
सविष देष के लक्षण दूसरे दिनका लक्षण
रोगीका मरण चतुर्थ दिनका प्रकार
त्रास संज्ञ दष्ट का निषेध पंचम दिन का प्रकार
आखु विष पर दाह छटे सातवें दिनका प्रकार
दग्ध देश का विस्त्राव तीक्ष्ण विष के उक्त लक्षण
चूहे का विषनाशक लेप विष शमन का काल
दंश का धोना मकड़ी के दंशोद्धरण
उक्त रोग में बमन दंश छेदन का निषेध
धमनकारक चूर्ण दग्ध देश पर लेप
अन्य चूर्ण रक्त हरणादि
उक्तरोग पर विरेचन पद्मक नामक अगद
उक्तरोग में अंजन चपक नामक औषध
उक्त रोग पर अपलेह अन्य प्रयोग
पक्क घृत पान मंदर और गंध मादन
अन्य क्वाथ विष नाशक विशोधन
उक्त रोग पर चूर्ण कफ में बमन
आखु विष नाशक कल्क उक्त रोग में विरेचन
अन्य प्रयोग दाद निवृति में कर्तव्य ९४९ अन्य उपाय अन्य प्रयोग
i: , अन्त प्रयोग
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