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(६६४]
अष्टांगहृदय ।
म० २.
पीपलामूल, सहजना, इन सब मसालों को | खाय, ऊपर से कांजी पीवै । अथवा पतले डालकर तक्रके साथ पेया तयार करके उसमें | तक्रमें पंचकोल और नमक मिलाकर अनुसनीखार मिलाकर रोगी को पान करावै। पान करे। कृमिरोग में शिरीषादि रस।
अन्य प्रयोग। रस शिरीषाकिणिहिपारिभद्रकबुकातू। नपिार्कवानर्गुडीपल्लवेष्वप्यय विधिः। पसाशवीजपत्तरपूतिकाद्वा पृथकू पिवेत ॥ विडंगचूणमित्रैर्वा पिष्टैर्भक्ष्यान् प्रकल्पयेत् । समौद्र सुरसादीन्वा लिह्यात्क्षौद्रयुतान् । ___अर्थ -कदंव, भांगरा, संभालू के पत्ते,
पृथए। पर्ववत शालीचांवलों के चनमें मिलाकर पूरी अर्थ-सिरस, किणही, [ गिरिष.र्णी ]
| वनावै, अथवा वायविडंग के चूर्ण में शाली नीन, केमु आ, ढाक के बीज, लालचंदन, चांवलों का चुन मिलाकर पूरी वना कर और कंजा इनमें से किसीके रसमें शहत
सेवन करै । मिलाकर अथवा सुरसादि गणोक्त द्रव्यों के
तेल का प्रयोग । रममें शहत मिलाकर सेवन करै ।
विडंगतंडुलैयुक्तमोशैरातपस्थितम् ॥ . अन्य अवलेह ।
दिनमारुष्कर तैलं पाने वस्तौ च योजयेत् । शतकृत्वोश्वविट्रचूर्णविडंगकाथभावितम् ॥ सुराहसरलस्नेहं पृथगेवं प्रकल्पयेत् । ३२ । कृमिमान्मधुना लिह्याद्भावितं वा वरारसैः ।
अर्थ-भिलावे के तेलमें आधेभाग वाय- अर्थ-घोडेकी लीदको वायविडंग के
विडंग के बीजों का चूर्ण मिलाकर एक दि. काढे में वा त्रिफला के रसमें बहुत बार भा.
न धूपमें रवखे, फिर इस तेलको पीने वा वना देकर शहत मिलाकर च टनेसे कृमि
वस्तिकर्म में प्रयोग करें । इसी तरह से दे. रोग जाता रहता है।
वदारु और सरलकाष्ठ के तेलमें भी बिडंग नस्यार्थ चर्ण।
के बीजों का चूर्ण मिलाकर पान वा वस्ति शिरोगतेषु कृभिषु चूर्ण प्रधमनं च तत् ॥
| कर्म में योजित करै । ___ अर्थ-शिरोगत कृमिरोग में शिरोरोग। प्रतिषेध में कहे हुए चूर्ण नल द्वारा नासि
पुरीषज कृमिमें चिकित्सा । का में फूंकने चाहिये ।
पुरीषजेषु सुतरां दद्याद्वस्तिविरेचने ।
__ अर्थ--विष्टा में उत्पन्न होने वाले कीडों अन्य प्रयोग।
में वस्तिकर्म और विशेषरूप से विरेचन देआखुकर्णीकिसलयैः सुपिष्टैः पिष्टमिश्रितैः। पक्त्वा पूपलिकांखारेद्धान्याम्ल च पिवेदन ना चाहिये । रूपं वकोललवणमसांद्रं तक्रमेव वा। 1 कफजकृमिरोग में कर्तव्य ।
अर्थ- मूषककर्णी के पत्तों को महीन | शिरोविरेकं वमनं शमनं कफजन्मसु॥३॥ पीसकर शालांचांवलों के चूनमें मिलाकर पि. अर्थ-कफजन्य कृमिरोग में नस्य,वमन ट्ठी बना लेवे। इस पिट्ठी की पूरी बनाकर और शमनक्रिया करना चाहिये ।
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