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( ७६४ )
आंसू बहना ये लक्षण होते हैं, परंतु हाथ से मीडने पर कुछ शांति होजाती है । इस रोगको कृच्छ्रोन्मीलन कहते हैं । निमेषाख्य रोग | चालयन्वर्त्मनी वायुनिमेषोन्मेषणं मुहुः । करोत्यरुडू निमेषisit
अर्थ- वायु नेत्रों को चलायमान करता हुआ बार बार नेत्रों को खोलता, और बन्द करता है, इस में दर्द नहीं हुआ करता है, इस रोग को निमेष कहते हैं । वातहतरोग | बर्म यत्तु निमील्यते ॥ ५ ॥
संधि
विमुक्तसाधी निश्चेष्ट हीनं बातहतं हि तत् । -अर्थ-यदि वायुद्वारा नेत्रका व यों से युक्त, चेष्टारहित और हीन होकर निमीलित होजाता है, उसे वातहताख्य रोग कहते हैं ।
अष्टगहृदय ।
कुंभीसंज्ञक पिटिका । कृष्णाः पित्तेन बह्वर्थोऽतर्वर्त्म कुंभीकवीजवत् आध्मायते पुनर्भिन्नाः पिटिकाः कुंभिसंज्ञिताः
अर्थ - पित्त के कारण से नेत्रके कोयों में जमालगोटा के बीज के समान काले रंगकी बहुत सी फुंसियां पैदा होजाती हैं, और फटकर फिर फूल जाती हैं । इन फुंसियों को कु भी कहते हैं ।
पित्ताक्लिष्ट रोग |
सदाहक्लेदनिस्तोद रक्ताभ स्पर्शनाक्षमम् ॥ पित्तेन जायत वर्त्म पित्तात्क्लिष्टमुशति तत् । अर्थ-पित्त के कारण से वभाग में दाह, क्लेद, सूची वेधनबतू पीडा और, ढलाई हो तथा हाथ न लगाया जासके उसे पित्त. किट कहते हैं ।
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अ० ८
पक्ष्मशात के लक्षण |
करोति कंडूं दाहं च पित्तं पक्ष्मांतमास्थितम् पक्ष्मण शातनं चानु पक्ष्मशातं वति तम् ।
अर्थ - पित्त पलकों के भीतर के भाग का आश्रय लेकर खुजली और दाह पैदा करदेता है, पीछे पलकों के बाल गिर पडते हैं, इसे पक्ष्मशात कहते हैं । पोथकी का लक्षण |
पोथक्यः पिटिकाः श्वताः सर्षपाभा घनाः कफात् ॥ ९ ॥ शोफोपदेइहृत्कं पिच्छिलाश्रसमन्विताः । अर्थ - कफ के कारण से सघन सरसों के समान छोटी छोटी फुंसियां होजाती हैं, इनका रंग सफेद होता है, इसमें सूजन उपदेह ( हिसावट ) नेत्र में खुजली, पि. च्छिलता और आंसू बहना ये लक्षण होते हैं ।
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कफोक्लिष्ट रोग |
कफोक्लिष्टं भवेद्वर्त्म स्तंभक्केदोपदेहवत् ॥ अर्थ - जिस रोग में स्तब्धता, हिसावट और क्लेद होता है उसे कफोक्लिष्ट वर्त्म कहते हैं। लगण रोग ।
ग्रंथिः पigestin: कंडूमान् कठिनः कफात् । कोलमात्रः खलगणः किंचिदल्पस्ततोऽपि वा
अर्थ- कफके कारण से नेत्रके धर्म में पां डुवर्ण की वेदनारहित, पाकरहित, खुजली से युक्त कठोर और बेरके बराबर अथवा इससे कुछ छोटी गांठ पैदा हो जाती है । इसे लगण कहते हैं ।
उत्संग के लक्षण | रक्ता रक्तेन पिटिकास्ततुल्यपिटिकाचिताः ।