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क्रम
नाम
अर्थ
अनाचार का कारण
२२. उपानह पहनना जूते, मोजे, खड़ाऊ आदि पहनना गर्व, आरम्भ आदि २३. अग्निसमारम्भ आग जलाना, तापना आदि
जीवहिंसा २४. शय्यातरपिण्ड वसतिदाता का आहार लेना
एषणादोष २५. आसन्दी का लचीली स्प्रिंगदार कुर्सी आदि का छिद्रस्थ जीवों की विराधना उपयोग उपयोग करना
की सम्भावना पर्यंक का पंलग, ढोलिया, स्प्रिंगदार ढीले खाट आदि छिद्रस्थ जीवों की विराधना तथा उपयोग का उपयोग
ब्रह्मचर्यभंग की सम्भावना २७. गृहिनिषद्या गृहस्थ के घर में बैठना, गृहान्तर में ब्रह्मचर्य में आशंका आदि दोष
(अकारण) बैठना २८. गात्रउद्वर्तना शरीर पर पीठी, उबटन आदि लगाना, विभूषा
मालिश आदि कराना २९. गृहि-वैयावृत्त्य गृहस्थों की शारीरिक सेवा
अधिकरण; आसक्ति ३०. आजीववृत्तिता शिल्प आदि से आजीविका करना आसक्ति, परिग्रह ३१. तप्तानिवृत- पूर्णतः शस्त्रअपरिणत (अनिर्वृत) आहार जीवहिंसा
भोजित्व पानी लेना ३२. आतुरस्मरण या रुग्ण होने पर पूर्व कुटुम्बियों का या पूर्व- दीक्षात्याग की सम्भावना, संयम आतुर-शरण भुक्तभोगों का स्मरण या चिकित्सालय से विचलितता
की शरण ३३. सचित्त मूलक मूली लेना
सचित्त वनस्पति ग्रहण करने से वनस्पतिकायिक जीवों का वध
होता है ३४. सचित्त श्रृंगबेर सचित्त अदरक लेना ३५. सचित्त इक्षुखण्ड इक्षुखण्ड, कन्द, मूल, फल, फूल, पत्ते, "
बीज आदि सचित्त लेना या तोड़ना, उपभोग
करना ३६. सचित्त कन्द ३७. सचित्त मूल ३८. सचित्त फल ३९. सचित्त बीज