________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अङ्गमईप्रशमनम् महाभः anga-bhangah-सं० पु. (Ya. उद्भव स्थान पर अथवा वाहन पथ में, या उस
wning) -अगड़ाई, हफूटन, शरीर भक्त __ स्थान पर, जहां कि वे मस्तिष्क पर प्रभाव डालती
वा० उ० २ अ० स०४ अ० २-( Perin ! है, अवरुद्ध कर देती हैं। . eum) गुदा और वृषण अथवा भग के मध्य | ... उक प्रकारकी औषधियों की सूची निम्न है• का भाग, मूलाधार । ३-(Adissase) रोग । यथा-(१) डाक्टरोऔषधियाँ-प्रोपिश्रम
४-( Nervous disease ) घायुरोग । (अफीम ), माफ़ीन (अफीम सर; ), बेला*-( Palsy or paralysis of डोना, धत्त रीन या धन्यूरीन (ऐट्रोपीन ), ब्युटिल limbs..) पक्षाघात ।
क्रोरल, कोनाइम (शौकरान ), हायोसाइमस मामः angabhuh-स. पु. (A son )
(अजवाइन खुरासानी), स्ट्रेसोनियम (धतूरा), :: पुन1 (२) Cupid-काम | .
केनाविस इण्डिका ( भंग ), जेलसीमियम् अभेदः anga-bhedah-सं० पु. ( Ner
( पीली चमेली की जड़ ), क्लोरल, जेनरल vous pain) वायुरोग, वायुजन्य गात्रभङ्ग; ] अनस्थेटिक्स (व्यापक अवसमता जनक औष
शरीर में होने वाली पीड़ा । अथ० सू० ३० धियो ), फीनेज न, फेनेसीटीन, एसेटऐनिलाइस -:०८-४०५।
(पेरिटफेबीन ), रोग़ान कायापुटी, लौंग तेल, अङ्गमई: anga-marddah-सं० पु. (१) इकोनाइटीन (विष--सत्व, विपीन ), क्लोरोफॉर्म - गात्रवेदना, देह की पीड़ा, अंगडाई । वा० सू० ( सम्मोहनी), कोनाइन (सब शौकरान)
केफ्रीन ( कहाला सस्त्र ), कैफर ( कपूर), अंगमर्दक: angamardakah-स'. पु. सिरिटस ईथरिस (Spiritus atheris)
(Rheumatism ) अंगमर्दित । अंगमर्प, (२) आयुर्वेदीय औषधियां शालपर्णी, हडियोका फूटना । हड्डियों में दर्द । हडफूटन रोग । वृहती, करटकारी, एएखमूल, काकोली, रक्त (२) संवाहक । अंग मलने वाला । हाथ पैर चन्दन, उशीर ( खश ), बड़ी इलायची, मुलेठी दयाने वाला । नौकर। सेवक (One who
चाकुल। shampoos his master's body ) (३) आयुर्वेदीय व यूनानी औषधियाँअगमईनम् anga-marddanam-सली . अगरु, दारुहरिद्रा ( रसौत), रक्सेमल, पुनाग
गात्रफोटन, शरीर का फूटना, वेदना, म्यथा । वृक्ष (सुल्तान चम्पा, सुर्पन ), एरक (नागर अङ्गमई प्रशमनम् anga.mardda-prasha. मोथा ), साल (साखू ), पोहकरमूल (कुष्ट),
manam-संक्ली वेदना शमन (शा..क), अशोक, नीलोफर ( मीलोत्पल ), कमल (पन), वेदना हर,व्यथा ( व्यथ, रुक, भेद) प्रशंमन-हिं. धारकदम्ब (हल्दी), कायफल, यप्ठिमधु मुखहिरुलश्रलम् (१०व०), मुनाहिरातेप्रलम्, (मुले) मेथी, कैथ, हल्दी, देवदार, तून, बड़ी (व० व०), मुसकिनुल अलम् ( छ. व.) इलायची, ई० मे० मे० । शेष यूनानी औषधियों मुसकिन्नाते अलम् (बहु०व०), मुनविक्रदातुल तथा परिभाषाओं के लिए देखो--मुखदिर और इह, सास-अ०। दाफ़ादर्द-फा० । एनोडाइन्म मुसक्किन। (Ano dynas) एनलगे ( जे ) सिक्स नोट-उपयुक्र औषधियों में से अफीम (Analgesics)-ई।
का प्रभाव प्रत्यक्ष एवं स्पष्ट होता है। यह संवे. उक्त प्रकार की औषधियां नाड़ी अथवा वात दना को उपरोल्लिखित सम्पूण स्थलों पर अवरुद्ध केन्द्रस्थ उक्त जना एवं क्षोभ को दवाकर या धीमा । कर व्यथा को नष्ट कर देती है । बेलाडोना करके वेदना शामक प्रभाव करती हैं। ऐसी ! संज्ञावहा यात नाड़ियों के होभ को दबाकर उक्त औषधियां सम्बेदनाओं को मस्तिष्क तक पहुँचने प्रभाव करता है। तथा जेलसीमियम, क्रोरल से रोकती हैं । अस्तु वे संज्ञा को या तो उसके । हाइड्रेट और ब्युटा लोरल प्रभक्ति मस्तिष्क
For Private and Personal Use Only