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भन्मिल
अन्योन्यलङ्घनम्
अन्मिल annilal विरुद्ध, विपरीत । (Heter
होकर फिर दूसरे से ब्याही जाए। इसके दो भेद अम्मेल anmela )
हैं---पुनभू और स्वैरिणी । ogenous).
अन्यभृत् anya-bhrit-सं० पु. (1) कोअन्मिलह anmilah-अ० अंगुल्याग्र, अंगुली ।
किल, कोयल (Cuckoo )। हला। (२) का अन पोर्वा । इसके पहुवचन-अम्मिलात वा
काक ( a crow)। हे० च०। अनामिल हैं। (The top of the finger.) अन्यभृतः anya-bhritah-सं० पु. कोकिल, अन्य anya-हि- वि० भिन्न, पृथक, पर । (An- कोयल (A cuckoo)। रत्ना०। other, different. )
अन्यलोहम् anya-loham-सं० का० (Broअन्यकारुका anya-kāruka-सं० स्त्री० शकृत् 170) कांस्यधातु, काँसा । वै० निघः । कीट, पुरीपज कृमि, पाखाने का कीड़ा । हारा।
अन्या 12ya-सं० स्त्री हरीतकी, हरड ( Terअन्यतः anyutah-हिं० क्रि० वि० [सं.]
___minalia Chebula.)। वै० निघः। (1) किसी और से । (२) किसी और स्थान
अन्याय anyāb-० (ब० व.), नाब (प.. से, कहीं और से।
व०) रदनक (Canine tooth)। अन्यत्र anyatra--हिं० वि० [सं०] और कहीं ! अन्येद्य anyedyu-हिं. क्रि० वि० [सं०] ( जगह ),स्थानान्तर । दूसरी जगह ।
वि. अन्येद्यक ] दूसरे दिन । अन्यतोपाक anya topāka-हिं० संज्ञा पु० अन्येद्यक anyedyuka-हिं० वि० [सं०] दू..
[सं० प्रन्यतोवात ] दादी, कान, भौं इत्यादि में सरे दिन होने वाला। वायु के प्रवेश होने के कारण आँखो की पीड़ा।
'अन्येाकः anyedyushka h-सं० पु.
र अन्यतोवातः anyatovatah-सं० ० अक्षि-अन्येद्यःज्वर anyedyuh.jvara-हि०संशा"
गत रोग विशेष (An eye-disease.)। उरस्थ श्लेष्मजन्य ज्वर विशेष | वह ज्वर ओ जो वायु निज स्थित स्थान से अन्यत्र वेदना
दिन रात्रि में एक समय प्राता है। मानिक उत्पन्न करे उसे "अन्यतोवात" कहते हैं, जैसे--
यह एक प्रकारका मलेरिया (विपम या शीतपूर्व) घाटी, कान, शिर, हनु और मन्या (गर्दन ) की
ज्वर है जिसका दौरा हर रोज़ होता है। उक्त नसों में अथवा अन्य स्थानों में स्थित वायु भौवों
ज्वर में एक बारी से दूसरी बारी तक २४ घंटे अथवा नेत्रों में तोद, भेद श्रादि पीड़ा करता है।
अर्थात् एक दिन का अन्तर पड़ता है। इसलिए मा०नि० नेत्रसर्चगत रो.।।
इसको रोजाना का बुखार (प्राह्निक ) भी अन्यपुष्टः anyapushtah-सं० पू०
कहते हैं। वर्षा मनु के बाद होने के कारण इस अन्यपुष्ट anyapushti-हि. संज्ञा पु० ।
को मौसमी या फसली बुखार भी कहते हैं। [स्त्रो० अन्य पुष्टा ] (1) ग्रह जिसका पोपण ।
एकाहिक तप, एकतरा, जाड़ा बुखार-हिं । रोअन्य के द्वारा हुश्रा हो । कोइल, काकपाली,
जाना नौबती बुखार-उ० । तो हररोज-फा० । # The black or Indian Cuckoo (Cuculus ) 1
नायब, हुम्मा मुवाज़िबह-अ० । काटिडियन नोट-ऐसा कहा जाता है कि कोयल अपने !
फीवर (Quotidian Fever)-इं०। अंडों को सेने के लिए कौयों के घांसलों में रख ! अन्योदर्य anyodaya-हिं० वि० [सं० ] श्राती है।
। [स्त्री० अन्योदर्या ] दूसरे के पेट से पैदा । (२) परपालित, दूसरों के द्वारा पालित। 'सहोदर' का उलटा । अन्यपूर्वा anya.purva-सं. रा. दो बार । अन्योन्य anyonya-हिं• सर्व० [सं०]परस्पर,
curet gii ( Twice married.)! Buari (Reciprocal, mutual ). वह कन्या जो एक को ब्याही जाकर वा वाग्दत्त । अन्यान्यलचनम् inyonya-janghanam
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