Book Title: Aayurvediya Kosh Part 01
Author(s): Ramjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
Publisher: Vishveshvar Dayaluji Vaidyaraj

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Page 859
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रस्नहाने अस्प(र) भस्महान asnahan -सं० देगी (कमल के समान देवदारु, देवदार की जाति का एक पेड़ । ( Ced एक पुष्प है। ___rus Deodaya.) रा०नि० स० १२ ॥ अस्नाख asnākh-अ० ( १०व०), सन्न अस्निग्ध लक्षणम् asnigdha-lakshanam ( ए.क.), दन्तमूल | (Root of tee. "सं० ला० अस्निग्ध अर्थात् रूक्ष के लक्षण । th.) यथाअस्नान asnāna-१० (२०५०), सिन (ए. गोठदार पाखाना का होना, रूक्षता, वायुविकार व०) (१) दम्त, दाँत (Teeth.)। (२) मदुता, पका हुआ सा होना, खरस्व और शरीर प्रायु, अवस्था । (Age.) देस्त्रो-सिन्न। की रूक्षता ये अस्निग्ध के लक्षण है। अस्नानुलफ़ार ashanuifāra-अ. शाब्दिक अर्थ मूग दंत, ( चूहे का दात)पारिभाषिक "पुरीषं प्रथितं रू वायुरप्रगुणो मुदुः। अर्थ नख के वे बारीक तीपण तन्तु जो नखके सिरे पक्रा खरवं रोयच गात्रस्यास्निग्ध लक्षणम्॥" के समीप फटजाने से उसमें उत्पन्न हो जाते हैं | (च. सू० १३ अ० ) या नख के मूल में होते हैं। | अस्प aspa फा० अश्व, घोटक । (A horse.) अस्नानुल लुब्न asnānul-lubna-१० अस्नान | अस्पगोल aspaghola ) -फा० ईसब. लुम्निय्यह । दुग्ध दंत, दूध के दाँत । दन्दाने शीर अस्पग़ल aspaghala गोल,ईषद्गोस । -फा०। (Milk teeth) (Ispaghula.) अस्नानुलह (हि)ल्म asnanul-hu(hi)Ima' अस्पक्ष aspanja- अस्मा । अभ्रमुर्दा, मुन्ना -अ० अस्नानुल अनल । बुद्धि दन्त-हिं० । दन्दाने बादल, स्पक्ष । (Sponge.) अनल, अनल दाढ़ें-फा०। ( Wisdom teeth.) अस्पताल aspatalu-हिं० संज्ञा पुं॰ [ ई. अस्नाने कवाति asnāne qavatia-अ० - हॉस्पिटल ] औषधालय । चिकित्सालय । दवाअग्रदन्त, छेदक दंत । दन्दाने पेश-फा० । (In. ख़ाना । risors.) अस्पदन्दा aspa-dandai-फा० (तिनि, अस्नाने कयासिर asnāne-kavāsira-अ. पारिभा०) नुश्काबीन ( एक प्रकार का मधु भेदकदन्त, रदनक । दन्दाने नीश-फा० । (Ca- __ जो अत्यन्त शुष्क होता है)। nipes, Capine tooth.) अस्पदरियाई aspa-dariyii-फा सुत्र अस्नाने तवा ह न asnane-tavāhuna-१० मा.-१० । दरियाई घोड़ा । चर्वणक दन्त । दन्दाने प्रासिया, पीसने वाले नोट-कहा जाता है कि यह जानवर मिश्र ति-30। (Molars. ) देश में नील नदी के भीतर होता है। इसके पाँव अस्नाने दाइमिह Ranane daimih-१० गोपाद सदृश होते हैं | पुच्छ वाराह पुच्छ सरश स्थायी दंत । दन्दाने मुस्तकिल, मुदामी दोन-उ०।। और स्वरूप घोड़े का सा होता है। यह घड़ियाल ( Permanent teeth.) श्रादि समुद्री जीवों का अाहार करता है। म.स्नाफ़ asnafa-१० (२०५०), सिन्झ (१० अस्पनाज aspa-naja-फा०पालक । (Spinaव. ) भेद, प्रकार । ( Kinds.) अस्निग्ध asnigdha-सं० त्रि०, हिं० वि० पु. ___cea oleracea.) __जो स्निग्ध नहो, रूक्ष । स्निग्धता का अभाव। | अ (इ) पद ai-spanda-फा० राई। देखोअस्निग्धदारु-कम् Asnigdhadāru,- 1 इस्पन्द । (Ispanda.) kam-सं० स्त्री अस्परक asparaqa-फा० पीली जहमायमाया। अस्निग्ध दारुक asnigdha.daruka. (Delphinium zalil, Ailch.) -हिं० संज्ञा पु.० | अस्प(र) asparka-हिं० तिरीर (ई. में १०३ For Private and Personal Use Only

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