Book Title: Aayurvediya Kosh Part 01
Author(s): Ramjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
Publisher: Vishveshvar Dayaluji Vaidyaraj

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Page 889
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir को स ३३४ १ पृष्ठ कोलम पंक्रि प्रशुद्ध शुद्ध पृष्ठ कॉलम पंकि अशुद्ध शुद्ध ३२३ २ १० एवं एवं ३५० १ २२ होता x ३२५ २ २० संक्षा ___ संज्ञा ३५० २ २० प्रख्या अच्छा ३२५ १ १४ पं० पु० | ३५० २ ३७ ३२५ १ ३३ Followrig Following ३५१ १ ३३ prishishta parishi, २ - स्त्री क्लो shța , १८ Thalicl- Thalictrum | ३५२ २ ३४ अधिक अधिक rum ३५३ २ प्रमृति प्रभृति Fliosam Eoliolosum D.E | ३५- १ ३२५ २ ३० उ"वल उज्ज्वल ३५६ २ चली चला अ०। ३२६ २ ३ Vapourist- Vapouris tiou ation 1 ३६० १ १८ जन्ममकाल जन्मकाल ३२७ १ १८ औपध औषध ३६० १ २४ परिस्तृत परिविस्तृत सोनामुखा ३६० २ १५ प्रांत्रस्त प्रांत्रस्थ ३३२ १ २६ दाकर हाकर ३६० २ २०, Gariec Lacti Gastric Lactic ओर और ३६० २ २३ व्योहार व्यवहार ३३४ २ रवाधीन स्वाधीन भातर भीतर ३३५ १ १४ ३६३ १ १८ सन्तमम सन्तमस अनाना अनीना ३६३ १ २१ अधतगस अन्धतमस अमोन अनोना ३६८ १ ३ सस्कार संस्कार अन्य हाता होता औषधों अन्य औषयों १४ अंगल्याप अंगुल्यन ३३७ १ १ अनङ्गित् अनगिन् २ १६ कक कफ ३३६ १ १३ ओर और ३८० २ २२ श्वतापराजिता श्वेतापराजिता ३३६ १ २८ खंड खंड ३८२ १ Letio Ilectic ३४३ १ ३५ अन्तरात अन्तरातप ३८१ २ ३१ लोलोफॉर्म क्लरोफार्म ३४४ २ २० अनंतम अन्तिम ४०१ १ खंड ३५४ २ २७ गह्वर गह्वर ४०१ १ क्तेशपद क्लेशपद ४५१ नोट-'अन्तरीय उदरच्छदा' से 'अन्तमः | ४०४ १ ____२८ ४६ हानाद' तक के शब्द पृष्ठ ३४३ द्वितीय | ४०४ २ परिणाम परिणाम कॉलमके अन्तमुख शब्दसे पहिले होने चाहिए ४०५ २ १६ अपमार्ग अपामार्ग और 'अन्तमुखा' 'अन्तलसिका से पहिले तथा | ४०६ १ २ कमज़ोर कमज़ोर 'अन्तर्लोहिता' 'अन्तर्वत्नीसे'पहिले होने चाहिए । ४०६ २ डाकर डालकर ३४८ १ १६ संक्षा संज्ञा ४०६ १६ ३४८ १ ३४ $hroniga shronigk, ४१६ १ १७ चतुष्टथ चतुष्टय ३४६ २ १५ इल्ति- इल्ति- ४१६ " " कियाएँ क्रियाएँ ३४६ २ २ इं ४१६ २ ३५ वानस्पतिक वानस्पतिक क इं For Private and Personal Use Only

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