Book Title: Aayurvediya Kosh Part 01
Author(s): Ramjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
Publisher: Vishveshvar Dayaluji Vaidyaraj

View full book text
Previous | Next

Page 891
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पृष्ठ कॉलम पंक्रि " ४५० २ ४ ४५१ १ ४ १६ "" "" 53 39 33 ४५२ 37 33 17 17 33 ४५३ 93 99 35 39 ४५४ 29 33 ". 33 12 ४५७ 27 97 زر " WO :A 19 33 " २ २ " 12 "" no = #! મ " " 22 12 - "" २ 23 ४५५ १ RM १ " 39 ४५६ ર 99 २ 1) 22 "" 5 D २ " "} "" " 11 29 19 1 x x w 2 x 20 m १४ ३४ ३६ " २२ २६ १० "" ३० ३२ १ : १४ २८ ८ ३८ ११ ૬ १५ १६ ३४ २२ ३१ ३७, ३८ ३ ४ अशुद्ध 安安名 教研究 $ १४ १७ शुद्धि चूण तदन्तर उसके तदनन्तर उसको टिकिया प्रत्येक कथ काथ २४ भावना भावना ६ भस्म ही प्रस्तुत भस्मप्रस्तुत टिकिवा प्रग्येक गाड़ा जिलोय खाँड फा दूधरा नको स्वभाविक स्वाभाविक हीड़ा पीड़ा मारी भारी जठराग्नि जठराग्नि कज्ज विकृत योगिक www.kobatirth.org शुरू तर सेवन द्वंद व्याधियों श्लेष्मिक आवरक होगी श्वेद परिवर्तत [झ ] 收材 अभ्रक दूसरा अको शुद्धि चूर्ण गाढ़ा गिलोय खाँड़ का व. ज्जल विकृति यौगिक वर्ण | पृष्ठ कॉलम पंक्रि ४५७ परिवर्तक सागिक सागिक 39 १८ क्रियायों २१ साम्यस्तिथि 33 ४५८ 22 " 19 39 " " 39 33 31 13 *E २ - 19 17 19 37 ४३० ४६१ २ ४६२ १ २ "" 33 " 17 वशलोचन वंशलोचन ४६७ 98 [ ور "" 73 17 સર १ २ क्रियाओं साम्यस्थिति ४७७ $3 ww 20 १ २ २ " 31 1 " 33 " 2200 39 50. "" १ १ W== N " १ 31 33 15 २ 39 १ तरह ४६८ १ सेवन | ४७० १ द्वंद्व ४७१ १ ५ डदरीय व्याचियों ४७९ २ २५ पस्थ्य श्लैष्मिक ४७२ १ ६ सेमन २ ३८ राक्षनिघंटक आवरक होगा ४७५ १ २१ कीटदंष्ट्र स्वेद For Private and Personal Use Only ३२ ११ अम्रक २७ ३२ Hecticfe ४ क्ली ० ३३ पर्यन्त २३ ३५ २६ २ ५ १२ ३५ १७ १५ ३७ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५ अशुद्ध ११ • ३१ पत्थ्य hritaki २० ३८ tragia ३४ fragia Semima Semina Maugifora Mangifera पौघा पौधा beq bela २३ ३७ cassythaiei Cassytha formis ह -dda filiformis -gadda sálah २६ sáláb ३१ Comumnis Communis १० लर्थात् अर्थात् २३ इन्द्रवारुणीलता इन्द्रवारुणीलता २८ bededeis bedensis श्रौर और वैदूर्य काँ साध्य वात Embelia मो० rsouia rsonia मस मांस विशेद विशेष बहुत मूत्र ladian शुद्ध अम्रक Hectic मुना स्वाद पुं० पर्यन्त मोजन काथ सुस्वाद पथ्य haritak वैदूर्य कास कष्ट साध्य बात: Emblica rito बहुमूत्र Indian उदीय पथ्य सेवन राजनिघंटुक्त कीटदष्ट भुना स्वादिष्ट भांजन काथ सुस्वादु

Loading...

Page Navigation
1 ... 889 890 891 892 893 894 895