Book Title: Aayurvediya Kosh Part 01
Author(s): Ramjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
Publisher: Vishveshvar Dayaluji Vaidyaraj

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Page 875
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मह दव मह नाम् कुबड़ा-हिं । हज बैकड ( Hunch back- | अह मर ahmar:-अ० सुर्ख, सुख रंग-फ़ा० । ed.)-ई । ___रक्रवर्ण, लाल-हिं| Red (Rubrum.)। नोट-कुबड़ी स्त्री को अरबी में हुवा इतिब्बा ने इसकी चार कक्षाएँ निर्धारित की है, जैसे-(१) असहब अर्थात् सुख सफेदी मायल अ.ह.दब और अअस का भेद-जिसका | ( श्वेताभरक), (२) वर्दी अर्थात् अरुण वा पृष्ठ बाहर को निकला हो और बन भीतर को । गुलाबी, (३) कानी अर्थात् गंभीर रक और दबा हुधा हो उसे भह दब और बिरुद्ध इसके | (४) अक नम अर्थात् सुख स्याही मायल जिसका वक्ष बाहर का निकला हो तथा पृष्ट (श्यामाभ रक्रवण )। भीतर को दबा हुश्राहो उसे अकस कहते हैं । नोट-ग्रह मर का प्रयोग संकेत रूप से कप्रहदब ahdab-अ.वह मनुष्य जिसकी पलकें ठिन मृत्यु, मांस, मद्य, केशर तथा एक प्रकार के विशाल हो। छुहारे के लिए भी होता है। अहदर ahdar-० शोफ उदरीय, वह मनुष्य जिसका उदर शोथयुक्र हो । अहमर अक्तम ahmad-aqta.im-० अ.ह दल ahdal-अ० एकाण्ड, एक अण्डवाला, | श्यामाभ रक्रवण, अधिक कालापन लिए हुए लाल रंग। वह मनुष्य जिसके एक अंड हो । अह दाs ahdaa- अ० कुबड़ा, शोथयुक्र एवं ढीले | श्रह मर कानो ahmar-qani-१० गम्भीर स्कंधवाला। रक्रवण, लाल भभूका, अत्यन्त रक्रवर्ण । अहदाक ल बकर ahdaqul-baqara-अ० अह मर नासिन ahmax-nasia-अ० हलका काला अंगूर । ( Black var. of Vitis रक्रवण, पिलोई लिए लाल रंग (पीताम रक vinifera.) वर्ण)। रोग-विज्ञान में हलके लाल या पिलोई अहवाक ल मर्जी ahdaqul-marzi---१० लिए हुए लाल रंग के कारोरह. (मूत्र) को कहते उहवान, बाबूना गाव | (Parthenium हैं । यह नारी की अपेक्षा तीचण होता है। matricaria. ) अह दाब ahdaba-१०(ब० व०), हुद्ध ( ए० | अहमश ahmash-अ० जिसकी पिण्डलिया पतली और बारीक हों। १०) पलकें । ( Eye-lids.) मह दिया व अहादिया ahdiya vaahidivt. अह्याटः ahyātah-लं. पु. श्रोकड़ा । प० -अ० अजदहा-फा० | अजगर-हिं० । ( Boa मु.। constrictor. ) अह यून ahyuna-यू० एक बूटी है जिसका शिर अहन] ahnafa-ऋ० कल्च, टेढ़े या छोटे पांव अजगर के शिर के समान होता है। वाला । प्रब-फूटेड (Club-footed.) ई० । अहमक ahmaqe अ० मूर्ख, निर्बुद्धि, बुद्धिहीन, मह रारूल बुकल ahrarul-buqula-० वह तरकारियाँ जो कच्ची खाई जाती है, जैसे काहू बे समक, सामान्य। ईडियट ( Idiot. ) श्रादि। -०। अहमदाबादी मेवा ahmadabadi.mevi- | अह लब दिया ahla b-diya-सिरि० शबरम्, बम्ब० खिरनी, खीर खजूर, क्षीरी, राजादनी बाँस के समान एक बूटी है जो खेत और बगीचों -हिं० । काका दिया-गु०। राजन, केर्नी-मह ।। में उगती है। रायन-गु० । पल-ता०। (Mimusops hex.अह.लाम ahlam-१०( 4. व.), हुल्म (प. andra, Rond., Cor.) फा०ई०२मा०।। व०)(१) स्वप्न, निद्रा 1 (Sleep, dream.) १०५ For Private and Personal Use Only

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