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- कलामत मुश्तर्क
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भय दिलाए | उदाहरणतः - अपस्मार के दौरा | से प्रथम देह के किसी भाग मॅ सुरसुराहट प्रतीत होना मृगी होने का भय दिलाता है और वृद्धावस्था में सिर चकराना सिक्तह ( Apo• plexy ) के होने का भय उत्पन्न करता है । श्रीमॉनिटरी सिम्प्टम ( Premonitary symptom ), प्रोड्रोम ( Prodrome ) - इ०
उदाहरण-वमन एक ऐसा लक्षण है जो श्रामाशय, मस्तिष्क, वृक्क तथा गर्भाशय प्रभृति रोगों में सम्मिलित रूप से प्रगट होता है । इक्कि वोकल सिम्प्टम ( Equivocal symp• tom ) - इं०।
अलामत मुश्तर्कह Talamat-mushtar- | अलाय alava - हि० संज्ञा पुं० [सं०] अलांत भंगार ] kah श्र० सम्मिलित लक्षणा, वह लक्षण जो आग का ढेर । धूनी । शस्खीरा । कौड़ा | बॉनफायर कतिपय विभिन्न रोगों में सम्मिलित रूप से पाया ( Bonfire - इ० जाए ।
अलामत मुस्तकीमह āalámat mustaqimah-o अलामत जातियह । जातीय लक्षण, वह लक्षण जो बिना किसी लगाव के स्वयं रोग से उत्पन्न हो । जैसे शोध में वेदना एवं दाइ । argiaz finq (Direct symptom ), ईडियोपैथिक सिम्प्टम ( Idiopathic sym ptom ) - इ' ।
अलामत शिर्फिय्यहāalamat shirkiyyah - अलामत अज़िय्यद, सानुबंधिक लक्षण, अ. ज अलामत जो विकारी श्रवयव के सिवा किसी अन्य अवयव में केवल पारस्परिक सम्बन्ध के कारण प्रगट हो। जैसे हस्तपोदस्थ क्षत प्रभृति में कक्ष या चड्डे की ग्रंथियों का शोधयुक्त हो जाना या वृक्क शोध वा जहायु शोध में वमन होना । सिभ्यैथेटिक सिम्पटम (Sympathetic symptom )-'. अलामत हालिय्याह aalamat-baliyyah - अ० वह लक्षण जो अवयव की किसी विशेष अवस्था को प्रगट करे । स्टेटिक सिम्प्टम् ( Static symptom ), पैसिव सिम्प्टम ( Pa• ssive symptom ) - (201
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-अलि
जामलsalamalak- (तिज़काबिन व तबरिस्तानी अंगूर वृक्ष के समान एक लता है जिसको 'फ़ाशरा' या "शिवलिङ्गी" कहते हैं । (Bryonia) श्रज्ञामात aalamáta - अ० ( ब० ० ) देखो --
अलामत ( Symptoms ) 1 अलार alára- ई० संज्ञा पुं० [सं० ] कपाट, किवाद [सं० अज्ञात ] अलाव भाग का ढेर । श्राँवाँ । भट्टी ।
लावु alavi-गु० घालू । ( Potato. ) अलाबुद्दीन aalávuddina - अबुल हसन नि हाजिमुल मुल्कीयुल क़र्सी देखो - कुर्शी | SeeQarsi.
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अलासः alásah-सं० पु० जिह्वा स्फोट | जिह्वागत मुख रोग । एक रोग जिसमें जीभ के नीचे का भाग सूजकर पक जाता है और दाद तन जाती है।
लक्षण -- जिह्वा के नीचे जो प्रगाढ़ शोध हो तो उसे कफ और रत्र की मूर्ति अलास नामक जिल्हा रोग कहते हैं । यह रोग बढ़कर जिह्वा को स्तंभित कर देता है और जड़ में से जिह्वा पाक को प्रात हो जाती है । यह कफ दोष के कारण होता है | उक्त कंटक रोग से जिल्हा भारी, मोटी और सेमल के कोंटों जैसे मांसांकुरों से व्याप्त होती है। सु० नि० १६ श्र० । अलासफ़ास alásafása - यु० निसानुल् अब, वृक्ष और घास के एक बीच बूटी हैं। अलासि alási बम्ब०
अलसी, तीसी । Linseed ( Linum asita bissimum). अलिः alih- सं० पुं० [ श्री० श्रलिनी] अलि ali-हिं० संज्ञा पुं० १) भ्रमर, भँवरा । लार्ज ब्लैक श्री ( Large black bee ) - ६०। रना० । ( २ ) मध, मदिरा । स्पिरिस लाइकर ( Spirituous liqu01. ) - ६० । मे० लडिक । ( ३ ) वृश्चिक, बिच्छू । स्कॉर्पिश्वन ( A scorpion ) - ०।
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