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मार्फ
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अनधि
• एक घास जिससे प्राचीन काल में ग्राह्मण लोग iyadiyyah अ० दैनिक व्यवहार या स्वभावतः - .. मेखला अर्थात् करधनी बनाने थे। (२) आच्छा- पीने की वस्तु-जैसे, पानी पोना । हैबिचुअल
दन | छाजन । ढकना । (३) दीपाधार । दीवट । डि.स ( Habitual drinks.)-ई. । अश्या: ushyaf-अ० ( १०व०)
प्रश्रिबह मुस्बिह रह ashribah-munbih. नोट-शियाफ का बहुवचन प्रश्यात और
hah-अ० शनिदायक तथा उरोजक शर्बत । शियात बहुवचन है शाह का। पिचुक्रिया, स्टिम्युलेण्ट ड्रिंक्स(Stimulant drinks) वर्तिका-हिं । नीले, बत्तियाँ-फा०, उ०। -इं०। (Suppositories. )
अधिवह मुन्नत्ति फह मुरिज़थ्यह ashribah. अश्यामो ashyami-सं० स्त्री० श्वेत त्रिवृता,
mulattifah-mughziyyah-अ० ... सफ़ेद निशाथ । [poinka tur pethun पोषण और लताफ़त (प्रमोद वा हप)प्रदान करने. (The white var, of-)
चाले शर्बत या द्रव, प्रफुल्लकारक, प्रमोद या अधम् - ashilmi-सं० की. .
पालादजनक पेया । रेफरीजरेण्ट डिकस ( Reअश्र ashra-हिं०. सज्ञा ० (१)रुधिर,
fregerant drinks.)-$0 रत, शाणित । (Blood.) अ० टी०। (२) अश्र ashru-सं० क्लो. मन के किसी
नेत्रोदक, नेबाम्नु, सू। (A tea:.) अथ ashtria-हिं० संज्ञा पु. प्रकार के प्रावेग अशा ashrai-० (१) एक खाया (अण्ड) | के कारण आँखों में आने वाला जल | नेत्र ... पुरुष अर्थात् वह मनुष्य जिसके एक खायह जल | नयन ऊल । नयनाम्बु । आँसू । (अण्ड । हो या (२) जिसका एक खाया |
| (A tear.) चचेर जल-बं० । अश्क-फा०।
श्रम । ... :(अण्ड) छोटा और दूसरा बड़ा हो । एक दिया | भादमी, एकाण्ड पुरुष ।
संस्कृत पर्याय-नेत्राम्बु, रोदनं, अश्र', प्रलं, Manshraja-अ. वह मनुष्य जिसका एक अत्रु, वाष्प (अ.), लोचं (ज.)। :सरा बड़ा हो तथा दूसरा छोटा या वह मनुष्य यह घरग्रंथिमें बननेवाला एक स्वच्छ जलीय रस :जिसके केवल एक ही एटु हो ।
है। इसका स्वाद लवण होता है। इसका काम अंदा ashraddha-सं० स्त्री. अंरोचक, पलकों और अक्षिगोलक के सम्मुख पृष्ठों को तर - अरुचि, श्रद्धा का अभाव । ( Disgust or
रखना है। अश अधिक बननेकी दशामें ये आँखों Aversion.)
से टपकने लगते हैं। नासिकाका आँखसे सम्बन्ध प्रश्रम ashram-१०वह व्यकि जिसका नासाग्र !
है इसलिए रोते समय अश्र कभी कभी नासिका
में चले जाते हैं और नासारन्ध्र में सेटपकने लगते - कटा हुअा हो । वह जिसके दोनों श्रोष्ठों में चीरा
अधस ashras-०. अधिक पलक झपकाने अश्रु अङ्कर ashru-ankura-हिं० पुं० प्रथः ...वाला मनुष्य । वह मनुष्य जो पल्लक अधिक वांकुर( Pupilla lacrimalis ) । नासिका.
| . की ओर वाले अपांग में दोनों पलकों के सम्मुख अधि: ashri-हिं० संज्ञा स्त्री [ सं०] घर का किनारों पर दो छोटे उभार होते हैं। ममें से ...कोना । मन शस्त्र की नोक 1
- प्रत्येक को अथ अंकुर कहते हैं। भविवाह, ashribah-अ० (ब० ५०), शराब, | अश्रकोष ashru-kosha-हिं० पु. ( Lacri
शर्बत (५०५०) पेया, पीने की वस्तु ( Dri. | mal sac.) आँसूकी थैली । कीस दम् ई-०।
nks, Syrups.) देखो-पेया, मद्य । ! अश्रुगोलम् ashli-golam-सं० क्लो० । अधिवह इअ तियादिश्यह, ashribah-iat | अश्रुग्रंथि ashru.granthi-हिं० स्त्रीय
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