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असान
०१
भसामasana-मह, बम्ब०.विजयसार-ज)। तृण तथा वृषके बीच की एक प्रकार की बूटी है।'
( Pterocarpus marsupin:]], यह एक गज ऊँची तथा पुरुप. कलिकाका होती।
Roxb:) फा०ई०१भा०। असान asana-मह०, कना० खरका, लम्कना, ! असायरल फतियात asibaail-fatiyata
खाज-हि। (Briedelin Retusa, Spr- | - तुझम बालंग. कारनामसानी (U. eng.) फाई.३भा०।
हनीफ) | Calamintha clinopodium असान: asano-२० खाजा-हिं । कनेलिया । Benth., (the wild Busil.) फा . (Briedelia montana:)
३भा०। मसान्दु asandu-म.. अश्वगंधा, मस |
| असाबइल मलिक asābaail malika-० मसाधु asindhu-मह.. गंध। Withs.
इक्लोलुल मलिक। Melilotus offici. nia Somnifera. )
nalis.) असाफीर aasafir-अ० रोदे, बातें, अंतदियाँ असायह स्सफर asabaaissatara-to -उ०। प्रान्त्र-हि..! ( Intestines. ) हंसपदी, गोधापदी । ( Vitis pedate:): नोट-असाफ्रीए का शाब्दिक अर्थ पदी व
असाबीन asabia-० (०२०), अबध चिदिया है। कि उदर की अंतदियों में जब
(५० व०), अंगुलिया । ( Fingers.) कसकर (पाटोप )होता है तब ऐसा शब्द उत्प होता.जैसा कि पक्षियों का। इस कारण प्रांत्र
असावीन asabia-० (ब० व०), उस्म" को उ.माम से अभिहित किया गया।
(ए.व. ) एक सप्ताह, सात दिवस, सांत
बार । असाव aasab-० हरिण । (Deer) असा aahaar-१० (. २०), असामयिक asamayika-हिं वि० [सं०] असावी. arabia ). अ.स्वा.(ए..वर.),
__ जो समय पर न हो। जो नियत समय से पहिले अंगुस्तान, अंगुलियो । ( Fingers)
__ वा पीछे हो | बिना समय का । बेवक का। असाथ कन्यान asābaa-qanyān-१०
असामर्थ्य asamarthya-हिं० संज्ञा स्त्री. अमिरक । रामतुलसी, अम्बत-हिं० 1 (Oei.
[सं०](१) शनि का अमाव । मधमता । mum gratissimum)
(२) निलवा । ना ताकती। असायन गुदादी sabai.ghudadi-० असामूसा āas ām āsa-० लान साग । एक लरखे प्रकार का अंगूर ।
असारम्. asaram-संपु०, क्ली ।
असार asara-हिं० संज्ञा पु.. । असाब फनasabaa farauna-१०
(१) काष्ठ गुरु चन्दन । (A kind of Agएक प्रकार का पाषाण है जो यमन श्रमान देश में
ar.) रा०नि०व०१२। (२)मगुरु, मगर पैदा होता है।
(Aloe wood.)।(३)जैपाल, जमातअसायन हुमस asabaa-hurmasa-०
गोटा ( Croton tiglium, Lirn.)। सूरिआन पुष्प । Hermodactylus,
(४)एर मृत (भरण्डी, अण्डी)रेदी का पेड़। ( Flower of-)
(Risinus communis, Lin..) श. असाथहर्रसाना asa baairrasani-० एक च०।
बटी की जड़ है जिसका रंग हरित तथा श्वेत | प्रसार asara-हिं०वि० [सं०] (1) सार मिश्रित होता है।
रहित । निःसार । (३); शून्य ।। रात। असामान उस ल: asabaail-usila-० . संज्ञा पुं० दे० असारम् ।
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