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मायु दान अर्फियह aad fiyah-अ० मारता ।
दोषों के कारण उत्पन्न होनी है। इसमें दई नहीं श्रतह, yatulh-अ. (व. य.), रबात होता, इसे अचुद कहने हैं। जब यह वम के
(१०व०) बंधनी । लिगेमेण्ट्स Ligaine- बाहर होती है तब यह चलायमान और विषम ints )-ई ।
प्राकृति वाली होती है । जैसेअबह arrhthri-सिरि० संभालजीज । Vi. :
वामान्तमा सपिगडाभः श्वयथुग्रंथितो मजः। tex nginto (Seels of-)
साःम्यादबुदो दोषिमावाहनश्चलः ॥ अतिर्रिहम arbita timriha -
वा० उ०१०-। जरायु ।
(७) अस्थि का उभरा हुआ भाग। ( Pro बंधनिया, गर्भाशय के बंधन जो उसको एक । दूसरे से संलग्न रखते हैं । लिगेमेण्ट्स ऑफ दी ।
tuberance.) बूटरस ( Ligatunts of the Utor :
(८) रक के प्रकोप से तालु के बीच में पद्म Tus.)-इं।
के आकार के समान जो सूजन होती है उसे
"अर्बुद' कहते हैं। वा० भ० सं० प्र.२१ । अर्चिततुल मसान: arbitatil musarahi
-अ०. वस्तिबंधन, मूत्राशय के बंधन । लिगे। अबु दम् builam-सं० क्ली0 (1) (Tuberमेण्ट्स अॉफ दी ब्लैडर ( Ligaments of cle ) उभार। (२) अर्बुद फोड़ा विशेष the blacier. )-'01
(Tumour)
अर्बुद फलम् arbinda.phalam-सं० क्ल अर्षियानुस arbiyanus-पू० बाबूनहे गावचश्म |
मलूक का फल । यह एक भारतीय वृक्ष है। -फा० । फर्नानियून-यू० । पार्थीनिअम ( Pa |
रसः arbuda-haro-tasah-संग ___rthenium ), मैटिकेरिया Matrica
पु० दे०-अन्वुद हरो रसः। ria-ले० । म.प्र.डॉ.।
अर्बुदान्तर सरिस्का arbudantara-sariश्री aurbi-अ० सफ़ेद यव ( White bari. .
i tká-po ato (Intertubercular.) ___ey )। (२) सुल्त ।
अबूतानून arbu tānāma-न. एक बूटी है जो अर्बु (व) ur bu(ru)dah-सं० पु०, क्ली
पृथ्वी पर फैलती है। यह जंगली तुलसी के अर्बुद arbnda-हिं. संज्ञा पु.
समान किन्तु उससे छोटी और नर, मादा दो (1) गणिन में नवें स्थान की संख्या । दश
प्रकार की होती है। कोटि । दस करोड़ ।
अोर कॉन्सिलि भोरम् arbor concilior(२) कद्रु का पुत्र, एक सर्प विशेष।
___um, Ram.-ले० पीपल, अश्वत्थ 1 (Ficus (३) मेघ । बादल ।
religiosa.) फा०ई०३ भा० । (४)दो मास को गर्भ ।
अर्बोर टॉक्सिकेरिया फेमिना urbor toxica(१)एक रोग जिसमें शरीरमें एकप्रकारकी गाठ : ria femina & Mas-ले० सापसुण्डी
-मह। फा. ई०३ भा० । कभीकभी यह पक भी जाती है । इसके कई भेद है ' अोर वाइटी arbor vitixn-० ( Thuya. जिनमें से मुख्य रक्तात्रु'द और मांसावुद हैं।
___occidentalis )-ले० सन्द्रच । बतौरी । रसौली । ( Tumour )अटीन abutin-ई. रीछदाख सत्य, भवक सु०नि०१.०मा०नि० दे० प्रवुद। दादासार । (६) नेत्र वर्म गत रोग विशेष । यह मांस ।
__ मात्रा-५ से ३० ग्रेन | देखो-भल्लूक के पिंड के समान एक गाँउदार सूजन है जो वर्म
(छ) द्राक्षा( Arctostaphylos uvaके भीतर होती है। यह रज तथा वातादि नीनों
ursi) पी०वी० एम०।
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