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अप्रोटः
अफ़र्गमा तुलसी वृक्ष । ( Ocimuim Sanctuni) अफ़न aafuna -अ० पचन,सडाँध, र०मा०1
उफनत aufuna.ta? सड़ना गलना, दुगंध अनोट: aprotakh-सं० पु. भारद्वाज पती ।। नतानत natānata उत्पन्न करना, तिब
वै० नि०। A bird namel Bhāra-I की परिभाषा में किसी तरल द्रव्य का शारीरोष्मा dvaja.
के प्रभाव से सहाध में परिणत होने की घोर रुस्व अप्रौढ़ a prourha-हिं० वि० [सं०] (1) करमा (वृत्त होना) है, परन्तु अभी उसके
जो पुष्ट न हो । कमज़ोर । (२) कच्ची उम्र का।। स्वरूप एवं प्रकार में कोई अन्तर न पाया हो । नाबालिग़ ।
क्योंकि स्वरूप प्रादि का परिवर्तित हो जाना भन्सरसः apsarasah-सं०५० (१) उसम । इस्तहाल ह कहलाता है। प्युटिफ़ैक्शन (Put
नियाँ । (२) जल धाराएँ । अथर्व । सु० rifaction), प्युटिसेन्स (Putriscence) १११ । ४ । का० ६ । ( ३) जल में फैलने ! -ई । वाले रोगोत्पादक कीट । अथव। सू० ३७। अफफत जेसिक्ट affengesict-जर० चकुल, ३। का०४।
मौलसरी । A tree (fimusops eleअप्सरा apsanta-हिं० संज्ञा स्त्री० [सं०] __ngi). ई० मे० मे०। अंबुकण । वाष्पकण ।
' अफयून afayāna-हिं० संक्षा स्त्री० देखो - अफई. afaai-अ० यह अरबी संज्ञा "अनउल । - श्रफोम ।
तफ्रजील" का अपभ्रश है। काला सर्प, कृष्ण अफयूना afayuni-हिं०वि० देखो-अफीमन्त्री। सर्प । यह लाल वा काला होता है और इसके ! अफयूम afium ) - जर० पारसीक अजशरीर पर सफेद एवं भूरे बिन्दु होते हैं। यह । अफफ्यूम affium S चाइन.अजवाइन, खुरालगभग 15 गिरह लम्बा होता और एक हाथ । सानो । ( Hyocyamus ) ई० मे० मे० । ऊँचा खड़ा हो जाता है । जिस मनुष्य को यह अफ़यूस afayusa-यु. जंगली मूली, अरण्यकाट लेता है, उसकी आँखें निकल पड़ती हैं। मूलक । ( IVild Radish.) इसका विप इतना तीव्र होता है कि इसका काटा | अफर aa.fata-अ० मायाफल, माज़ । (Galla.) हुश्रा मनुष्य कभी कभी तो केवल १० ही श्वास | अफ़रजमिश्क afaran ja-mishka - ० रामले पाता है। इसके चार भेद होते हैं :
Jaati (Ocimum Gratissimum, (१) कौड़ियाली और (२) परीला। इनके ____Linn.)। देखो-तुलसी। अतिरिक्त इसके दो अन्य भेद हैं जिनमें वहत ! अफ़रगञ्ज afarta-ghan ja-श्रकासवेल, अमरथोड़ा अन्तर होता है।
बेल । ( Cuscuta Reflexa.) प्रफल afakka-० निम्न हनु के दोनों भागों के अफरना apharana-हिं० क्रि० अ० [सं० मिलने का स्थान । निम्न हनु संधि ।
___ स्फार-प्रचुर ] पेट का फूलना। अफ़जनोश afan janosh -अ. पजमोश से अफरा aphara-हिं० संज्ञा पु० [सं० स्फार= अनाश fanjanos hai अरबी बनाया हुआ | प्रचुर ] (1) फूलना। पेट फूलना । (२)
शब्द है, जिसका अर्थ पञ्चपाचक (द्रव्य ) है।। अजीर्ण वा वायुसे पेट फूल नेका रोग, प्राध्मान । एक मजून का नाम है जिसका प्रधान अवयव (Flatulent ).
मण्डूर है। See-Fanjanosha. । अफमा afarghama | -अ० वक्षो. अफ़द aafada-अ० पारावत, कबूतर या उसके , दियाफरमा diyafraghma | दरमध्यस्थ
समान पक्षी। (A pigeon or a bird of पेशो-हिं० । डायाफ्रम ( Diaphiagm.), the same kind.)
मिडिफ़ ( Midriff.) -ई० ।
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