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अमोनिया अंसारुनी
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फेण्टिा (विसंज्ञता) में तथा फ़ेबाइल डिज़ीज़ेज़ (ज्वरयुक्र व्याधियाँ), न्युमोनिया (फुप्फुसोप) और थाइसिस ( उरःक्षत) इत्यादि में जब रोगी की शक्रियाँ निर्बल हो जाती हैं, उस समय अमोनिया के उपयोग से बहुत लाभ होता है।
कास तथा प्रातिश्यायिक फुप्फुसौष (कैटारल न्युमानिया ) में अमोनिया सान्द्र एवं पिच्छिल श्लेष्मा को द्रवीभूत एवं मृदु करता है ! पर इस हेतु अमोनियम कार्बोनेट का उपयोग श्रेष्ठतर होता है। नैलिका द्वारा विपात्रता अर्थात् प्रायोडिज्म (नैलिका या उसके यौगिकों से पुरातन विषाऋता के हो जाने ) को अमोनिया रोकता है। श्रस्तु, जब आयोडाइड्ज को अधिक मात्रामें देना
होता है तब इसको उनके साथ मिलाकर देते हैं। अमोनिया असारुनी animonian asarami
-हिं० पु. देखो-जटामांसी। अमोनियाई प्रायोडाइडम् ammonii jodidium-ले० नैलिद अमोनिया । देखा--
आयोडम् । अमोनियाई एम्बेलास animunii embelas
-ले० देखो वायविडङ्ग । अमोनियाई काबें जाटास mmmonii car bor
jotas-ले देखा-अमोनियाई विकास । अमोनियाई कार्वानास ammmonii carbonas
-ले० अमोनियम कार्बनित, कजलित नरसार -हिं०। अमोनियम कार्बोनेट Ammonium carborate., अमोनियम सम्की कार्बोनेट Ammoniun Sesqi Carbonate. -इं० । कनातुन्नौसादर, अमोनिया मुरकब ब ( सेहचन्द) कार्बन ।
श्राफिशल (Officul.) निर्माण-विधि--मोराइड ऑफ अमोनियम ( नवसादर ) या सल्फेट ऑफ अमोनियम और कार्बोनेट ऑफ कैल्सियम ( चूर्ण कज्जलेत अर्थात शुद्ध खटिका ) को परस्पर संयोजित कर बारबार ऊर्ध्वपातित करने से काबोनेट अफ श्रमोनियम प्राप्त होता है। इसमें अमोनियम हाइड्रोजन कार्बोनेट ( NH N COR) और अमो
अमानियाई कार्बोनास नियम कायमेट ( N HN H., CO) सम्मिलित पाए जाते हैं। संकेत सूत्र N, H11 C., (); (NII II CP (Os+N HA N II) C ) ).
नोट- उम्दनुलमुह नाज के लेखक के मत से हार्टशान अर्थात् मृगभंग का उड़नशील लवण भी कजलित नरसार ( कबू'नातुन्नौशादर) ही होता है। किन्तु, उसमें गन्धमय तैल प्रभृति मिलित होते हैं।
लक्षण-अमोनियम कार्बनित एक श्वेत पार्थिव द्रव्य है, जो वायु में खुला रखने से वा मूंघने से अमोनिया और कार्बन द्वयाम्लजिद ( कर्बन द्विआषित ) गैस देता हुआ स्वयं नष्ट हो जाता है । इसके अद्ध स्वच्छ स्फटिकीय उड़नशील उग्रगंधि बड़े बड़े टुकड़े होते हैं। बायु में बुला रखने पर उनपर श्वेत चूर्ण जम जाता है। इस की प्रतिक्रिया क्षारीय होती है।
परीक्षा-अमोनियम की परीक्षा के लिए संदिग्ध लघण को चूम (Limc.) के साथ मिलाकर उष्ण करें और सूधैं । यदि अमोनिया की उग्रगंध निकले, तो समझे, कि यह लबण श्रमोनिया का कोई योग है।
विलेयता- यह १ भाग ४ भाग शीतल जल में विलीन हो जाता है।
मिश्रण- इसमें सल्फेटम (गंधित ) और मोराइड्स (हरिद) का मिश्रण हुआ करता है । ,
उदासीनजनक मात्रा---२० ग्रेन अमोनियम काबनेट, २६॥। प्रेन साइट्रिक एसिड को और २८॥। ग्रेन टायरिक एसिड तथा १३ ग्रेन अई श्राउंस निम्बुस्वरस को न्युट्रल अर्थात् उदासीन कर देना है।
संयोग-विरुद्ध- अम्ल, अम्लीय लवण (एसिड साल्ट्स ), चूणीदक ( लाइम वाटर), लौह के लवण ( श्रायन साल्ट्स ), क्षारीय मृत्तिकाएँ ( अलकलाइन अर्थ स ) और क्षारोद (अलकलाइड्स ) को अमोनियम कार्बोनेट के साध नहीं मिलाना चाहिए।
श्रीपध-निर्माण-संव.त- औषध में योजित
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