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भक मा
अर्क माउल्लाम
सूखी धनियाँ, जनवाद, पौफ़, दरूना, मस्तगी, सअद कोफ़ी (नागरमाथा ) हरएक ॥ नो०, शाकुल मिी, मालमित्री, गुले पुख, अब्रेशम ( कनरा हुआ ) प्रत्येक ६ ता०, बैल का शिश्न ३ तो०, गोश्न हलवान (बकरी के एक वर्ष तक के बच्चे को हनवान कहते हैं, इसका । मांस ) २४ सेर, बटेर २४ अदद, शर्क वेदेमुश्क । ६ सेर, अर्क गाव ज़बान है मेर। अंगुर, मेव, : बिही, रेगेम ही, माही रोबियाँ ( झींगा मछलो) हरएक नीन मेर, झींगा मछ चो शुक या ताजा | ६ सेर, अम्बर २१ ता०, मिश्क २, नो, चोज़हे. मु १४ अदद, माँडा १० मात्रा । सम्पूर्ण मांसों : की यखनी प्रस्तुत करके ऊपरोल्लिखित औषध सम्मिलित करें और ८० बोनल अर्क परिन त । करें।
मात्रा व सेरन-विधि-५ तो० अक । उपयुक प्रौषध के साथ व्यवहार में लाएँ।
गुण-धर्म-उत्तमांगों और अर्वाद की शक्रि । के लिए मुख्य पदार्थ है । यह सामूहिक शारीर ! शनि की वृद्धि करता है। कामोद्दीपक, स्तम्भक, तथा प्रफुल्लता कारक है। हृदय की प्रफुल्ल और चित्त को प्रसन्न रखता है। शुद्ध शाणित उत्पन्न करता एवं मुख की कांति को निखारता है। ति०फ:०१ मा ।
यून, चीता, फरासियून, जावित्री, जायफल, तुरूम जीर, मायहे शनुर ऐराबी, रंगमाही, इब्बुल कुल कल प्रत्येक २ नो०, अजवाइन, गुफा शुष्क, यजनुर्की हरएक ३ ता० ॥ मा०, दालचीनी, तुम्न बेला, अब रेराम ( कतरा हुभ्रा ) प्रत्येक ७ तो० ॥ मा०, नुहम हलियून, मूली के बीज, इसस्त, तुम बालंगा, तुम शर्वती, तुलम रेडाँ. तुख़म फरञ्जमिश्क, अर्ग फर मिश्क, धीख सोमन, आसमानुजूनी, गले बाबना, मग़ास ( मेदा), बजीदान, कुळ, तज, मस्तगी, नागे. सर, छट्टीला, तेजपात, रचन्दन, उस्तारोह स, जरावन्द मद हर्ज, माहीराबियाँ( झींगा मछली), जानव, असारून, कोकनार हरएक । तो, बहमन सुख व स फेद, तांदरी पुर्व वा सफेद, ऊदग़ी, शका कुल मिश्री, सरिञान शीरी, गाव जवान. इन्द्रजी मधुर, बादियान स्वताई, गुलेमुर्व, इलायची छोटी व बड़ी, बादराया, परसियावशान ( हंसराज ), पुदीना, जिन्तियाना, कुलिञ्जन, नुहम खबजा, तुम गाजर, तुम वित्मी स.फेद, नुरूम खुब्बाजी, हन्तुलनज़रा, हम्बुस्पम्नह, हब्बुलकुतम, हब्बल कुरन, सपिस्ता, माहीरांबियाँ (झींगा मछली) प्रत्येक ८॥ तो०, चौब चीनी, अजोर ज़र्द, मवेज़ मुनक्का, किशमिश हरएक २४ तो०, खार ख़सक (मुरब्बा), सेवमधुर का पानी, बिही मधुर का पानी, मोठे अनार का रस, हर एक ६८ तो०, मिश्री २ सेर छ. ४ ता०, बर्ग रेहाँ ताजा अाध सेर, उन्नाव विला. यी १०० मात्रा। अम्बर, कस्तूरी, केशर के सिवा जो प्रीष| कूटने की हैं उनको कूटकर मांसी में डालकर एक रात दिन रहने दें दूसरे दिन अर्क गुलाब, अर्क बेदेमुश्क हर एक २बोतल, अर्क गाव जुबान, अर्क वयार शम्बर (अमलतास) प्रत्येक ३ सर, ताजे गाजर का रस, ईजल हर एक २० सर सम्मिलित करके प्रथम बार १२-१४ सेर अर्क प्राप्त करें। इसे पृथक् रखें । पुनः उतना ही और अर्क परिनु न करें यह दूसरी कक्षा का अर्क प्रस्तुत होगा। अम्बर, कस्तूरी, केशर की पोटली बाँधकर मैचा के मुख में रखें।
मात्रा व सेवन विधि-५ तो० अर्कौ २ तोल
अर्क माउल्लहम जदीद aart-Inaullahnajadid-अ० नूतन मांसरसार्क ।
निर्माण-विधि-बकरे का मांस १२ सेर ( या हलवान शेर मस्त, मम्त सिंह के बच्चे का मांस), नर गौरया ( नर कुनश्क) १०. मात्रा, कबूतर, लवा, बटेर प्रत्येक ५० मात्रा, मुर्गी का । बच्चा ३० मात्रा, तीतर २० मात्रा | सम्पूर्ण मांस को शुद्ध स्वच्छ कर यवनी पकाएँ। तदनन्तर उसमें मोमियायी, जुन्दबेदस्तर, सुअद कोफी' (नागरमोथा ), जद.वार, केशर, कस्तूरी, अम्बर हरएक एक तो०, गुलगावज बान, कबाबचीनी, : बालछड़, तबाशीर, बसफ़ाइज, दरूमज, सीसालियूस, ऊदमलीव, मातर फारसी, फ्रिनस सालि. ।
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