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बगेर्नाटा
अगोटा
लाइक्वार प्रासेनिकैलिस ३ मिनिम क्वीनीन सल्फ
२ ग्रेन एसिडम सल्फ्युरिकम डिल
मिनिम एक्वा एनिसाई
प्राउम __यह एक मात्रा है। आवश्यकतानुसार ऐसी ही एक एक मात्रा औषध दिन में दो-तीन बार
. भ्रूण के पक्ष में भयावह होता है। अपर यदि
भ्रूण जरायु द्वारा विसर्जित न हो तो जराय के बलपूर्वक प्राकृञ्चित होने पर स्वयं गर्भाशय के विदी हो जाने की प्राशंका होती है। प्रस्तु यदि वस्तिगहर में कोई विकार न हो और भ्रूण | उदर के भीतर पाड़ा या किसी विकृत रूप में न हो एवं कोई अन्य कारण प्रसव के लिए रोधक वा अहितकर न हों तथा गर्भाशथिक द्वार भली प्रकार खुल गया हो और गर्भाशय की शिथिलता के कारण प्रसव में विलम्ब हो रहा हो तो अर्गट : को प्रसव की दूसरी वा तीसरी श्रेणी में भी बर्तमा उपयोगी है।
सोग-निर्माण विषयक प्रादेश(1) अगट एक अनाशुकारी विष है । अस्तु कचित काल इसके एक प्राउंस लिक्विड एक्सट्रैक्ट को एक ही मात्रा में देने से विषाक्त लक्षण : नहीं उपस्थित हुए।
(२) इसके सः निर्मित फांट और इसके । अमोनित यौगिक उदाहरणतः अमोनिएटेड टिंक्चर। ऑफ अगट अपेक्षाकृत अधिक विश्वस्त यांग हैं।'
(३)ोरोफॉर्म वॉटर और टिंकचर प्रोफ्र श्रोरेज के योजित करने से अगट के कुस्वाद का निवारण हो जाता है।
(४) लिक्विड एक्सट्रैक्ट ऑफ अगट को. परकीराहरु प्राक आयर्न के साथ मिश्रित करने से जब मिश्रण श्यामवर्ण का हो जाता है, तब उसमें | किचित् निम्बुकाम्ल (Citric acid ) के ! मिखाने से उसका शुभ्र वर्ण होजाता है।
(५) भगोटीन को वटिका रूप में या कैपशूल में डालकर दें। इसके स्वस्थ अन्तःक्षेप करने के लिए नितम्ब स्थल को गम्भीर पेशी श्रेष्ठतर है । उदर की दीवार में इसका स्वगीय
अन्ताक्षेप नहीं करना चाहिए । स्वस्थ अन्तःक्षेप .. के परचात् उक्त स्थल प्रायः शोधयुक्त हो । जाता और वहाँ पर फोड़ा बन जाया करता है।
परीक्षित प्रयोग (१) एक्सट्रैक्टम अगोटी लिक्विडम ड्राम : लाइक्वार स्ट्रिक्नीनी
२ मिनिम
प्रयाग-प्रसव के पश्चात् ज्वर होने की दशा में अथवा ज्वर के न रहने पर भी इसका उपयोग लाभदायक है।
(२) एक्सट्रैक्टम अगोटी लिकिडम् ३० मिनिम लाइकार स्टिक्नीनी
३ मिनिम एकापाइमेण्टी । या मेन्धी) बाउंस पर्यन्त
ऐसी एक एक मात्रा औषध प्रति तीन-सीन घंटे पश्चात् दें।
प्रयांग-रुकी हुई आँवल के निकालने अर्थात् अमरापातन हेतु गुणप्रद है। (६) एक्सट्रैक्टम अगोटी लिक्विडम
१० मिनिम गसिइ गलिक
प्रेन एक्वासिनेमोमाई ६ अाउंस पर्यन्त ऐसी एक मात्रा औषध तत्क्षण पिलादें। प्राव. श्यकता होने पर कुछ घंटे पश्चात एक मात्रा और दें।
प्रयोग-जरायु द्वारा रक्तस्राव होने (Uterine humorrhage) में लाभप्रद
(४) एक्सट्रैक्टम अगोंटी न
एक्सट्रैक्टम गासीपियाईग्रेन फेराई सल्फास एक्लीकेटा ग्रेन
एक्सट्रैक्टम एलोज सोकोट्राइनी १ ग्रेन सब की एक वटिका प्रस्तुत करें और ऐसी एक एक वटी दिन में दो बार दें। प्रयोग-- रजःप्रवस के है। (१) एक्सट्रैक्टम अगोंटी लिकितम ३० मिनिम
पोटासियाई आयोडाइडाई ३ ग्रेन अमोनियाई कार्य २ ग्रेन एक्का मेन्धी पेप० पाउंस पर्यंत
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