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अञ्जनम्
१८०
प्रधनम्
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गुण-मुख, नासिका तथा शिश्न प्रभृति से रत्राव होने और शुक्रप्रमेह, रजःस्राव सथा सम्पूर्ण जन्मा सम्बन्धी रोगों के लिए लाभदायी है । राजयक्ष्मा के लिए सुर्मा की भस्म । तोला, चाँदी का वर्क, अनविध मोती प्रत्येक ३ मा०, स्वर्ण वर्क (पत्र) १ माशा, केशर ४ रत्ती सत्रको अर्क बेदमुश्क में खरल करके २ रत्ती की मात्रा सवेरे व शाम खिलाएँ । परीक्षित है।
(मनह) (३) काले सुरमे की भस्म-भिलावे की स्याही, भाँगरा, ग्वारपाठे का लुभात्र प्रत्येक प्राधपाव कूटकर नुरज़ा ( कल्क ) बनाएँ । शुष्क होने पर इसमें 1 तो० सुरमेको इली डालकर बंद करें और सकोरे में बन्द कर गिलेहिकमत (कररौटी) कर सुखा कर २५ सेर कराडेकी अग्नि हैं। भस्म प्रस्तुत होगी।
मात्रा-१ से २ रत्ती तक मक्खनमें । ऊपरसे दुग्ध दें । गुण-पुरातन सुजाक तथा शुक्रमेह में | लाभप्रद है । सम्पूर्ण त्वम् रोगों, नासिका तथा | मुख द्वारा रकस्राव, त्रियों में अनियमित एवं अधिक रकमाव और अर्श में मुफीद एवं प्रभावकारो है।
(कुश्ता० फो०) (४) मुरमा श्वेत, मङ्गजराहत समान भाग, मुरमा को एक दिन दही के जल में और एक रोज़ घृतकुमारी में खरल करके टिकिया वनाएँ और अग्नि दें। संगजराहत को मदार के दूध में घोटकर अग्नि दें । पश्चात् दोनों को मिला लें।
गुण--पुरातन सुजाक और नवीन चन प्रति के लिए परीक्षित है । मात्रा-२ रत्ती तक मक्खन
(इस. सद०) ब्रिटिश फार्माकोपिया द्वारा स्वीकृत
(ऑफिशल ) अञ्जन के यौगिक (१) अञ्जनीष्मिद अर्थात् ऐण्टिमोनियाई बॉक्साइडम् (Antimonii Oxidum). ऐण्टिमोनिश्रस ऑक्साइड (Antimonias Oxide )-इं० । किर्मि जुल्मऋदनी, किनिस ! मदनी-फा० । श्रॉक्सीदुल अन्तीमून-अ० ।
रासायनिक संकेत (Sb203)
निर्माण विधि-ऐण्टिमोनियस क्रोराइड घोल को जल में मिलाने से ऑक्सी क्रोराइड ऑफ ऐण्टिमनी घनीभूत होकर अधःक्षेपित हो जाता है। इसे पृथक करके काबोनेटाफ सोधियम के साथ मिश्रित करने से ऐण्टिमोनियस बाक्साइड प्राप्त होता है।
लक्षण-किञ्चित् धूसर श्वेत रंग का धूण । घुलनशीलता - जल में तो यह बिलकुल नहीं घुलता, किन्तु लवणाम्ल (हाइकोमोरिक एसिड ) में सरलतापूर्वक धुल जाता है।
मिश्रण-अम्जन के अन्य अम्मिद (ॉक्माइडम् )। __ प्रभाव--स्वेदक और वामक !
मात्रा-१ से २ प्रेन (६ से १२ सें. ग्राम), १ वर्ष के बालक को से ग्रेन तक। यह ऐण्टिमनोनियम् टार्टरेटम के बनाने में काम प्राता है और यह उसका एक यौगिक भी है।
ऑफिशल योग (Official preparations ). पल्विस पेण्टिमोनिपलिस (Pulvis Antimonialis )-ले। ऐण्टिमोनियल पाउडर ( Antimonial Powder ), जेम्सेस पाउडर ( James's Powler )-१०। अञ्जन चूर्ण, जेम्स का चूर्ण-हिं0 1 मर हूक या सफफ अन्तीमून, सफफ जेम्स ति।
निर्माण-विधि-ऐरिटमोनियस पावसाइड (अजनोमिद ) धाउंस, कैस्सियम फास्फेट (चूनस्फुरेत् )२ पाउंस दोनों को परस्पर संयोजित करलें।
मात्रा-३ से ६ प्रेन अर्थात् १॥ से ३ रत्ती (२ से १ देकाग्राम); १ वर्ष के शिशु को ! से ग्रेन।
प्रभाव-टार एमेटिक के समान, किन्तु उससे निर्बल । मृदुस्वेदक प्रभाव के कारण यह ५ ग्रेन (२॥ रत्तो) की मात्रा में उदरावस्था में उपयोग में आता है । (ए. मेमो०)
अल कुहाल ( मद्यसार ) तथा डोवर्स पाउडर के समान यह यक्ष्मा के रात्रि स्वेदस्राव को रोकता है।
में।
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