________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
नाना स्युरिटा
३३६
( Unona dumosa, Roxb. ) - ले० । इ० ६० गा० । मोना युरिकंडा aloha muricata-ले०यह तृष्य वर्ग ( या सीताफल वर्ग ) अर्थात् ( Anonaccer ) की वनस्पति है । इसका मूल उत्पसिस्थान पश्चिमी द्वाप समूह है, परंतु अब यह पूर्वी भारतवर्ष में भी लगाई गई है ।
1
गुणधर्म-पक्कफल में प्रियव किंचित् अम्ल गूदा होता है जिससे ज्वर में शेय्यकारक प्रपानक प्रस्तुत किया जाता है। अपकफल- अत्यन्त संकोचक होता है और श्रान्त्रिक असुस्थता एवं स्कर्षो की दशा में व्यवहार में भाता है। व संकोचक होता है तथा मूल त्वचा शत्र अर्थात् मृत शरीर जन्य विषाक्रता ( Plomwaivepoisoning ) में बरती जाती है, विशेषतः सड़ी हुई मलिया के खाने के बाद । पत्र कृमिघ्न रूप से और पूजनन हेतु इसका बहिः प्रयोग होता है । इ० मे० मे० ।
अनांना रेडिक्युलेटा
reticulata, Linn.- ० रामफल- द० । नाना- ६० । मा० । शरीफा Bullocks beart-to ६० हैं० मा | Citron-ro ! mája: aíg áigs auoua, long-leaved, - इ० कलाकुश ( unona longifolia, Pro., Lind. ) - लॅ० । ६० ६० गा० । अमन लॉज फोलिया anona longifolia, Pro., Lind. -लं० कलाकुरा । ( Uona long-leaved, R. )-ão इ० ६०
1
गा० ।
अमीना रक्कामाला
squamosa, Li-ले० शरीफ, सीताफल, श्रानृष्य । अमोनलाई alolace-ले० श्रमृष्य वा सीताफल वर्ग ।
I
अनोफिलिज़ anopheles - ६० यह रोग की एक से दूसरे मनुष्य तक पहुँचाने वाला एक विशेष जांति का मच्छर 官 अनोप्ल्युरालेण्टाइसी anopleura lentiser -ले. अफिस । फा०ई० १ ० ३८९ | देखोपिस्ता |
अनार
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अनंगा
norasmá अ० धामनीयार्बुद |
देवी- श्रबरस्मा ।
अनोशहरू alosha-datú ] -ऋ० कृ० माजून नोशाक mosha-dárú- J के समान एक यौ.
गिक श्रीषध है, जिसका प्रधान अवयव मामला है। इसकी निर्माण विधि-पक्व आमला ताजा तोल कर जल में पकाकर भली भांति मल कर इसके बीज पृथक् कर' और भरभरे कपड़े में छानें जिसमें रेशे को छोड़कर आमले का गूदा निकल आए । तत्पश्चात् बीजतथा रेशेका तौलें और इस प्रकार कुल आमले के भार में से इनके ( रेशे के ) शर को घटाकर आम लेके गरेका भार मालम करें। इस गूरे के भार से दुगनी मिश्री ( श्रथवा केहूं अन्य शुद्ध शर्करा ) मिलाकर पाशमी करें | पक होने पर अभी जब कि यह कुछ २ गर्म ही बन्य रहे, इसमें औषधों के चूर्ण मिश्रित करें। और यदि श्रामला शुष्क हो सो उसके बीज निकाय, मापकर घी डालें, जिसमें वह धूल प्रमृत से रहित होकर शब्द होजाए । इसके पश्चात् उसे इसमें गोदुग्ध में भिगोए जिसमें श्रामले डूब जाए । चार प्रहर पश्चात् अधिक जलडालकर उबाले जिससे भ्रमले का कषैलापन एवं दुग्ध की चिकनाई दूर हो जाए । पुनः अन्य स्वच्छ जल में उबाल कर उपरोलिखित नियमानुसार "अनोशदारू" प्रस्तुत करे !
अनोम 10-अ० निद्रापूर्ण, जिसके नेत्रों में निद्रा भरीक्षां । निद्रालु निहित ( Sleepy, sleeping)
अनंग nanga f६० वि० [सं०] [ क्रि० अनंगना ] बिना शहर का । देह रहित । संज्ञा पु ं० कामदेव ( Cupid ) । दे०अनङ्गम् ।
For Private and Personal Use Only
अनंगक्रीड़ा ananga krirá - हिं० संज्ञा स्त्री० [सं० ] ( १ )रति । संभाग 1 ( Coition ) अभंगवता auaugavati - हिं० वि० श्री० [सं०] कामवती, कामिनी । अनंगारि auangari- हिं० संज्ञा पुं० [सं०] कामदेव के देरी | शिव ।