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मनारा
अमेशिक
अनुराग anushari-J० जना, महज । (Hi में शब्द न सुन सके, वाश्रुति रहित, यहिरा, biscus Rosa Sinensis)..
बधिर । रेफ ( Deaf )-ई० मे. । (२) भनूपणम् anushnam-सं. १० डरपल, नील . . अन्धा । लाई ( Blind )-इं० ।।
कमत (blue lotus)! शुन्दिफुल, ह्याला अनेमन Anemal-सं० क्ली० ( Enamel ). 40। रा०नि०१०१०।
भनेमुई anemui-ता. असन वृक्ष-हिं० । अनूम anus-यु. मरोकोही, पहादी सरो।
See-Asana. अनृजः anrijah-सं. पि. शल, असरन ।
पु नेमांनाम anemonin-० काकरून सत्व, - सगर पुष्प वृक्ष । See-shatha.m,
मनामीनान, रतन जोग सस्व-१० । औहर अनेक aneka-हिं० वि० अधिक, बहु, भूपि । शकाायक-अ० । यह उपयुक प्रोषध अनीमून (many, inuch, a hanılant ).
stoch naar ( Anemone Obtusilo. भनेकदिवायुः aneka-digvasuh-सं० पु. : ba.) अथवा पसाटिहा। (Pulsatilla)
(A whirl wind ) विषम्पायु, पूर्णिन मर्थात् शक्रायिक वा रतनजोग के पौधे का सत्व वायु, बवंडर, घूमती हुई
है, जो १५२० के उत्ताप पर पिघल का तुल्यचा. भनेकप: aneka pah-सं0 0 गज, हाथी |
तुभुजीय रवारूप में तलस्थाई हो जाना है।
वाष्प के साथ उड़नशील होता है और साधारण (An elephant)। मद० वि०११।
तापक्रम पर वायु में खुला रहने पर पहश: अनेस aneka-ripa. 1-हिं० संज्ञा पुल शनैः भनीमानिक एसिड में परिगान हो भनेकाकार aneki-kara नाना रूप, माति जाना है। मानि के रूप, बहुरूप | मटिफॉर्म Multif.
प्रभाव-चरपरा और फोरका जन। अनी orm-ई।
मोनीन विपेला पदार्थ है। इसके प्रयोग से मध्यअनेकान्तः anekintah -सं० पि० । जा
स्थ बातमण्डत बातमस्त (पैरालादा ) हो अनेकांनanelkantaf.वि. स्थिर |
जाना है। ई० मे० मे. ! फ. ९० न हो । चंचळ । -स० पु. कोई ऐसा कहें और
अनेसाइलल पारेथ्रम amacyclus pyretकोई अन्यथा (और नरह) वह "अनेकार्थ" ,
hrum-ले. अकरकरा। (Pellitory). कहलाता है । जेसे कोई प्राचार्य द्वण्य को प्रधान |
अनेक कट रई naik.katrazhai-aro मानते हैं कोई रस को प्रधान कहते हैं, कोई
सकसपत्ता, कराटाल। (Agave ameri. बीर्य को और कोई विपाक का प्रधान कहते हैं।
:: cana). सु० उ०म०६५। "कचिसथा स्वचिदन्यथेनि यः सः ।"
मनैछिक anaichchhika-हिं० वि० स्वाधीन
गैर इरादी, मुहलिक विना इगदडू-अ० । इन्वॉभनेगुन्दुमनी anegundumani ता. फुल
जएटरी Involuntary, माँटोमैटिक Ant. म्दन, कम्बोजी-सं० । र कम्बल, अन-बं० । अडेनन्धरा पैनोनीना (Adenanthara
Oinatic-101 शरीर को दो गनियों में से Paronini )-ले। मे० मे० ।
वह जो हमारी इच्छा के प्रधान न हो।
हम उनको अपनो इछा से रोक नहीं सक्ने अनेनेरिगल anenoggilln का बड़ा माखक
और जब वे न होती हो या होनी बन्द हा जाएँ दि०, द०, गु०, 401 पेडेलियम म्युरेक्स
नब हम अपनी इच्छा से उमको रोक नहीं सकते। ( Pedalium Murex)-ले० ९० मे.
ये और ऐसी मोर गतियाँ इच्छा के बाधीन
न होने के कारण स्वाधीन या अनैजिक कही अनेडमक: anedamukath-सं. त्रि.() जाती है।
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