________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
अन्तराय
ફેર
अन्तराय antaráya - हिं० पु० बाधा, विघ्न,
g'.
रुकावट । ( Obstruction ) अन्तरायामः antaráyámah - सं० आक्षेपक भेद | एक रोग जिसमें वायु कोप से मनुष्य की आँखें, गुड्डी और पसुली स्तब्ध हो जाती है और मुँह से श्रापही आप कफ गिरता | अर्न्स हैं तथा दृष्टिभ्रम से तरह तरह के श्राकार दिखाई पड़ते हैं ।
लक्षण -- जब बलवान वायु अन्तरायाम को करती है तथा श्रङ्गुली, गुल्फ (पाँव की गाँठ, गट्टा ), पेट, हृदय, वक्षःस्थल और गले में रहने वाली वायु वेगवान होकर स्नायु समूह ( नाड़ीसमुदाय ) को भी कम्पित करती है तो उस समय उस मनुष्य की आँखें पथरा जाती है, कोही जकड़ जाती है, पसलियों में टूटने की सी पीड़ा होती हैं। कफ का मन करता और वह छाती से ( श्रागे की ओर ) कलान के समान मत हो जाता है । भा० । मा० नि० ।
अन्नगलम् antaralam सं० पु० अन्तराल antarala हिं० संज्ञा पुं०
(१) अन्दर अन्तर (Interspace) (२) घेरा, घिरा हुआ स्थान | श्रावृत्त स्थान | ( Inclu ded space)। ( ३ ) श्रीच । श्रन्तरावयव antaravayava - हिं० संज्ञा पुं० स्त्री की वस्ति का श्राभ्यंतरीय भाग जिसमें गर्माशय तथा गर्भाशय के बंधन, श्री श्रण्ड, फलवाहिनी और योनिमार्ग का समावेश होता है। चं० कल्प० ।
:
अन्तरिया antariyá- हि० स्त्री० तिजारी, तीसरे दिन जाड़ा देकर श्राने वाला ज्वर, अन्तरात (A tertian ague.) । देखो - तृतीयकः । अन्तरि (सं)क्षम् antari, ri, ksham--सं०
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अन्तर्विद्रधि
की० पृथ्वी और सूर्यादि लोकोंके श्रीचका स्थान । कोई दो ग्रहों वा तारों के बीच का शून्यस्थान । प्रकाश, गगन, शून्य, नभ, व्योम, अधर रोदसी । (The sky or atmosphere). रा० नि० च० १३ ।
antari - हि० स्त्री० अन्त्र (Intestines.)
श्रतरीप antaripa - हिं० संज्ञा पुं० ( 1 ) द्वीप, टापू । ( २ ) A Promontory, cape ) रास । पृथ्वी का वह नोकीला भाग जो समुद्र में दूर तक चला गया हो । अन्तरीय antariya) सं०वि०वि० विश्व अन्तः antah
भीतर का अन्दर का, भीतरी, मध्य 1 ( Inward, intornal) जो चीज़ शरीर में मध्य रेखा की और रहती हैं उसके लिए छेदन शास्त्र की परिभाषा में अंतरीय या अंतः शब्द का प्रयोग होता है । इन्सी, अन्दरूनी - अ० ।
1
अन्तर्मुखम् antarmukham सं० ली० (१) ऋण विस्रावणास्त्र विशेष । श्रत्रि० । कुशपत्र और श्राटी मुख के समान अन्तर्मुखनामक शस्त्र स्त्राव के लिए उपयोग में लाया जाता हूँ । इसका फल डेढ़ अंगुल होता है । (२) कुशाश के सहरा ही एक श्रद्ध चन्द्रानन शस्त्र होता है, यह भी ara के face काम श्राता है ।
श्रन्तर्मुखी antarmukhi-सं० स्त्री० स्त्री योनि रोग विशेष | च० चिं० 1
! अन्तर्लसीका antarlasika - सं० स्त्री० (Edolymph ).
अन्तरिन्छ, क्ष antarichchha, ksha - हिο संज्ञा पु ं० श्राकाश ( The sky, atmosphere) | अन्तरित antarita - हिं० वि० भीतरी, श्रान्तरिक | अन्तर्वमिः antarvamih - सं० स्त्री० परिपाक, ( Inward,internal.) ।
अन्तर्वत्नी antarvatni -सं० स्त्री० गर्भिणी, गर्भवती । ( Pregnant ) | श्रम० !
जीर्ण (Dyspepsia ) त्रिका० । अन्तर्विद्रधिः antarvidradhih - सं० पुं० जठरांतरस्थ विधि रोग ।
निदान व लक्षण-भारी धन का भोजन करने से, असाम्य ( जो अपने को प्रतिकूल हो), विरुद्ध
For Private and Personal Use Only