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अण्डखरबूजी
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संस्कृत पर्याय -- मुल्कः, वृषणः, ( अ अ ) । चंड, पेलं, अण्डकः ( है ) । सीमा ( ज ) । फलकोशकः (त्रि ) । फलं (के) | श्री जपेषिका ( रा ) | सफन ( स् फान, सिक्रन ब० व० ), कीसुल उन्स, यैन, कीसह खु. स्वह ( खुसिया ) फ़ोतह ( फोता ) - अ० । पोस्न खाय- फा० 1 खुस्त्रों की थैली उ० |
लिंगेन्द्रिय के नीचे और पीछे वह चमड़े की दोहरी थैली जिसमें वीर्यवाहिनी नसें और दोनों गुलियाँ रहती हैं। दूध पीकर पलने वाले उन समस्त जीवों को यह कोश वा थैली होती है जिनके दोनों थंड वा गुठलियाँ पेडू से बाहर होती हैं ।
( २ ) फल का छिलका | फल के ऊपर का बोकला |
अण्डखरबूज़ा anda kharabüza-हिं० संज्ञा पुं० श्ररण्डखरबूजा, अरण्डककड़ी, एरण्डकर्कटी, अरण्ड पपैया पपैया पीवैग्रह, विलायती रेंड, पपीता, पता - अम्बा, पपैयह । श्ररण्डखरबूजा - पं० । पोपाई ३० । एरण्डचिनिंट, वातकुम्भ, मधुकर्कटी, नलिकादल:- सं० । पपैया पौपुश्रिअश्रा, पेपाई, पलिया, पेपिया, पपया-ग्रं० । अम्बहे - हिन्दी-अ०, फा० । शजरतुल् बतीख - अ० । दरख्त खुरपूज्ञह दरख्तखयु ह - फा० । खुरपूज्ञह का दरख्त उ० । पपाय (Papay ), पपात्रषेपा ट्री (Papaw tree), मेलन्ट्री, ( Melon tree, ), मेलन मेमेयो ( Melon - Mainao ), कुकुरबिटा पेपा ( Cucurbita papa ) - ई० । (Papaya ), पपात्र (papaw) केरिका पपाया Carica Papaya Lin. (Fruit of - ) - ले० । पपायेरकम्यून Papayer commun-फ्रां० । मेलोनेनबोम Melo. len baum-जर० । पप्पायि, पप्पायिप जुम, पप्पालि पजुस, पप्पालिमर म्- ता० । बोन्यायि पडु, मदन- अनपकार, मधुरनकम्, बपैय- पण्डु - ते० । पध्याय-पज़म, आपपाय-पज़म, पप्पायम्, कप्पालम्-मल० | बोध्यायि-हरणु, फरक !
पपाया
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अडखरबूजी
- हरणु परङ्गी, पेरी, पेरिब्जि-पल्लसु । पप्पाङ्गाये - कना० । पोपया, पपाई, पपथा मह० । पपई, पपया - मह०, करुछ०, बम्ब० । पथ्यो, पाय, पपिया, पयाई, पयाईकाट, पपाऊन, frest, पुरण्डककड़ी, फाद - चिमडी - गु० 1 पपोल्का सिं० । सिबो सि, तिभ्यां स बर० १ पप्पागाई - तु० 1 पप्पाए - फल- कौ० । पप्ता, करचिडो-सिंघ० ।
कुमकोलता या पपीता वर्ग
( N. O. Papayosee, or Passifloracea, ) नॉट ऑफिशल ( Not Official ). उत्पत्ति स्थान--- इसका मूल निवासस्थान अमेरिका है, परन्तु श्रव यह सम्पूर्ण भारतवर्ष ( विशेषकर पश्चिम भारतवर्ष ) में तथा पुरानी दुनियाँ के उप प्रधान प्रदेशों में लगाया जाता है ।
नोट --- किसी किसी प्रन्थ में इसका अरबी फ़ारसी नाम अनवहे हिन्दी लिखा है । परन्तु प्रामाणिक चिकित्सा प्रन्थों में यह नाम नहीं मिलता । मुहीत आज़म में पपय्यह तथा मजनुल् अद्विग्रह में पपीहा श्रादि नामों से इसका वर्णन किया गया है। गीलानी ने शरह मुफ्तकानून में बतख के अन्तर्गत इसका वर्णन किया है। इग्नेशिया श्रमारा ( Ignatia Amara ) को भी जो कि कुचिला वर्ग की ओषधि है उसके हस्पानी नाम पपीता से ही अभिहित करते हैं, परन्तु वह विषैली तथा श्रण्डसे सर्वथा भिन्न वस्तु है; अस्तु, उसके लिए देखो - पपीता ।
खरबूजा
वानस्पतिक वर्णन - इसके वृक्ष २० से ३० फीट ऊँचे, आरम्भ में श्रशाखी ( अर्थात् खजूर व तालवत् एक ही तनेपर ); किन्तु प्राचीन होने पर शाखा ( पृथक् पृथक् शिरोमय ) हो जाते हैं । पत्र लम्बे ईल युक्र ( १–१ गज लम्बे ), एकांतरीय ( विषमवर्ती ) पब्जाकार, सप्त खंडयुक्र, एरण्डपत्रवत्, किन्तु उससे मृदु एवं लघु
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