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अण्डधारक रज्जु
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प्रण्डसत्वं
पर स्लैष्मिक कला का एक बेन्टन चढ़ा रहता है।
इसीसे अण्डकोषके भीतर अंड लटका रहता है। अण्डधारक रज्जु anda-dhāraka-kyju |
-हि० संज्ञा स्त्री० देखो-अण्डधारक रज्जुः।। प्राडपर्णः anda-parnah-सं० पु. मलाण्ड :
मरु | See-mal ande h. अधिक अण्डपेशी anda.peshi-सं० स्त्री० कोष
(Sac, cyst)i(?) ( l'esticle )
मुष्क, अण्ड, शुक्रग्रन्थि । हे० च०। अण्ड प्रदाह andapradaha-हिं० संज्ञा पु.
अंड की सूजन (Orchitis). अण्डर सेनिया रोहितका undersonia,
rohituka, Roxb.-ले०(Amoora rohituku,", &. A.) रोहिना, रोहेड़ा, रोहि. सक, तिराज-
हिंदेखो-रोहितक। भराड-लाल anda-lala-हि. संज्ञा पुं० अण्डे
की सुफेदी, अगदोदक । The white of . the ogg ( Albumen ). भएडवर्धन anda-vardhanam-सं० को० । एडवृद्धि anda-vriddhi-हिं० संज्ञा स्त्रो०।
( Swelling of the scrotum ) एक रोग जिसमें अंडकोश वा कोता फूलकर बहुत
बढ़ जाता है। मोते का बढ़ना । देखो-अन्नवृद्धि। अरड वहा नाली anda-vahinili-हि.
संज्ञा स्त्री० (Fallopian tube) रजः कोष (डिम्ब ) लाने पाली, जो मासिकधर्म के बाद
अण्ड (डिम्ब) गर्भाशय को लाती है। अण्डवेष्ट: anda-veshth-सं० पु ०(Sel
otum, Tunica albuginea testus)
अण्डकोष । अण्ड श्वेतक anda-shvetaka हिं. पु.
अल्ब्युमेन ( Albumen )। अण्डलाल ।
जुलाल-अ०। भण्ड सत्व anda satya-हिं संज्ञा पु०,
मुष्कीन, मुष्कसच, मुष्क रस, शुक्रीन, शुक्रकीट सत्व,उपाण्ड सस्व । टेस्टिस्युजर एक्सट्रैक्ट (10 sticular extract); टेस्टीससिका (Tesi tes sicca), टेस्टिक्युलीन (Testicul-
in), आर्चीडीन (Orchidin), स्पर्मीन (Sperinin), डिडोमीन (Didymin)-ई० नुत फ्रीन या जौहर मन्त्री, स्नु स्यीन या जौहर, नु.स्यह,, जौहर जुस यह मौकानी-अ०, फ़ा० ।
नोट-जैसा कि उपयुक नामों से प्रगट है, यह सम्पूर्ण औषधियों पुरुष के उत्पादक भवयत्रों द्वारा बनाई जाती हैं।
रासायनिक लक्षण तथा परीक्षा-पाहत (Pochi) का निर्माण, विभिन्न जीवधारियों विशेषकर साँड़ ( bull) की शुक्रग्रन्थि द्वारा निर्मित रासायनिक पदार्थ का, जो पाउन सीक्वार्ड के इमल्शन का प्रभावात्मक तत्व है, दो प्रतिशत का कीररहित धोखा है। यह रासायनिक दृष्टिसे पायपेराजीन (Piperazine)का सहधर्मी है । शुक्रीन (Spermin) के हायदोफोराइड ( उज्जहरिद ) और फास्फेट ( स्फुरत् ) भी उपयोग में प्राचुके हैं। परन्तु, पाहल ( Poehi ) का दो प्रतिशत का विलेय घोल सम्पूर्ण कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ है। प्रन्थियों द्वारा निर्मित शुष्क भारतीय पदार्थ वा सत्व ५-५ ग्रेन (२॥ रत्ती) की रिकियामों (Tabloids) के रूप में मुष्कीन (प्रा डीन, टेस्टिक्युलीन, पाचटीन) और उपाएडीन ( Didymin) प्रभृति नामों से उपयोग में लाए गए हैं। एक द्रव भी प्राप्य है, जो एक प्रकार का ग्लीसरीन एक्सट्रैक्ट है और जिसे १५ से ३० मिमिम् (बुन्द ) की मात्रा में मुख अथवा स्वस्थ अन्ताप द्वारा देते हैं।।
शुक्रीन की मुख्य मुख्य प्रतिक्रियाएँ :
शुक्रीन (Spermin ) में स्वयं विशेष शुक्रीय गंध नहीं होती, तथापि उसे धाविक मग्न (Metallic magnesium) के साथ मिलाने पर उसले शुक्रवत् गंधका बोध होता है । मिश्रण को उत्ताप पहुँचाने पर शुक्रीय गंध अमोनिया में परिवर्तित हो जाती है। शुक्रीन (sperinim) घोल में न तो प्रायोडाइड श्राफ पोटाशियम (पांशु नैलिद) और न एसीटेट ऑफ़ लेट (शीप भरम ) ही से तलस्थायीत्व
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