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अडवी मल्ली
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अडवी मल्ली adavi-malli-ते. मधुमाधत्री कासनी-द० । कमाफ़ी न स.यु. । ( Bluinea
--सं० । चमेली, चम्बेली--हिं० । नवमालिका eriantha. D.C.)-ले। फा० ई०१ -10 i (Jasinimin ittborescens, HTOI (Blumca auritá, D. C.) Roxb.)-ले। ई० मे० मे।
-ले० | स० फा० ई०। अडवी मल्ले udavi-imalle-ते. मालती अडवी येलकाय adavi-yela-kāya-ते. --सं०, हिं०। (Jasminuin angusti
बड़ी इलायची--हिं०, द० | Amomum. folium, Vah.)-ले० 1 ई० मे० मे01
sp. of.( Capsules of ).-ले० । स० अडवो मामडीadavi-mamadi-ते. पाम्रा
फाई। तक-सं० । मड़ा, अम्बाड़ा-हिं । Hog. अडवा-लवङ्ग-पट्टे adavi-lavanga-parte pliim- ई०। (pondias elliptica.)|
-ना. जंगलीदारचीनीपत्र, तेजपात-हि.। -ले० । ई. मे० मे०।
Cinnamomum Iners; C. Tamaअडवी मुनगा adavi.imunaga
la; ले. इ. मे० मे। अडवा मनगadavi.munanga
| अडवी-लवमु-पट्ट adevi-lavangamuजंगलो कासनो-हिं । श्रोकार्पम् सेना
patta-ते. तेजपात-हिं० | Cinnumeste (Ormocarpum sennoides,
Omum Iners- ले. । मेमो01 D. C.)-ले० । काट मोङ्गि-ता। कडु
अडयो-धुदनु adavi-vudkiulu-ते. माणमुमो-कना। | মিন্ম যা খুব
पर्णी, जंगली उड़द, बनउड़द-हिं. | रान (.1.0. Leguminosoe )
उड़िए-मह । मापानि बं| Teramous उत्पत्ति स्थान--पश्चिम प्रायद्वीप और |
labialis, Spreng wight, Ie. t. 118
- ले. । फा००१ भा०।
अडवी-सुदाप adavi-sudapa--सं० सुदात्र, वानस्पतिक वर्णन-एक छोटी झाड़ी है
जंगली तितली. हिं० । ( Ruta graveo. जिसकी शाम्बा पतली होती है। नतन ग्रंकर
lens, Linn.! तथा पुष्पवान भाग एक प्रकार के चिपचिपे सोम से आच्छादित होते हैं । चिपचिपा व सुवर्ण
अडसी adasi-महानिन्ध । पीत रंग का होता है। पत्र-पज्ञाकार, लघु पत्र
अडस्पुड्स duspudisa-मल. सोबा, (या पत्रक) ३ से १७, एकान्तरीय, प्रायताधिक
सांया--हिं| Policelanum Gre0कोसीय और झिल्लीदार । पूष्प-कक्षीय, एक दुरव
lems ले। मे० मे01 मैं ३ से ६ और पीत वर्ण के होते हैं । फली अड़हुल arahul-: संना पु. [ सं. (छीमी) २ से ५ जुड़ी हुई, पेण्डुलमवत्, संधि श्रोण+फुल्ला, हिं. प्रोणहुल ] श्रीड़ (क), स्थल पर अधिक सिकुड़ी हुई और चेपदार देवीफूल, जपा या जवापुष्प, इसका पेड़ होती है।
६-७ फुट ऊँचा होता है और पत्तियाँ उपयोग-इसकी जद का काथ ज्वरावस्था हरसिंगार से मिलती जुलसी होती हैं । फूल में वल्य एवं उत्तेजक रूप से व्यवहस है । इसका इसका बहुत बड़ा और खूब लाल होता है। प्रस्तर ( या तैल ) पक्षाघात और कटिशूल में | इसके फूल में महक ( गंध ) नहीं होती। बरता जाता है। ( डाइमाक ) फा० ई० । (Hibiscus Rosa=sinensis, Linn.) १भा०।
सरा adasara-ते. अडूसा, वासक, अरूप अधी मुलगी adavi-mullangi-ते० कुक- fi Adhatoda Vasica-Nces
रोदा-हिं । जंगली था दीवारी मूली, जंगली मेमोः ।
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