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देशकी वर्तमान परिस्थिति श्रौर हमारा कर्त्तव्य
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है तो उसे खुशीसे जाने दिया जाय। हाँ, यदि वे उससे सच्चा प्रेम रखते हैं तो उसके उस शुभ कामको सभाले श्रौर खुद उसको करना प्रारंभ करे, जिसको करते हुए वह महामना जेल गया है । और यदि करनेके लिये असमर्थ हैं तो कृपया उसके नाम पर हुल्लड मचाकर अथवा दगा फिसाद करके व्यर्थ ही ससारकी शातिको भग न करे । उनकी इतनी भी सेवा स्वराज्य प्राप्ति के इस महायज्ञके लिये काफी होगी ।
हाल के समाचारोसे हमे यह मालूम करके बहुत ही प्रानद होता है कि देशने इस वक्त, जब कि गिरफ्तारियो और जेल यात्राप्रोका समुद्र चारो ओर से बेहद मौजे मारता हुआ उमड रहा है, बहुत ही धैर्य र शांतिसे काम लेकर अपनी साबितकदमीका परिचय दिया है । और यह उसके लिये बहुत बडे गौरवकी बात है और उसकी ' कामयाबीका एक अच्छा खासा सबूत है । यदि हमारे भाई कुछ दिनो तक और इसी तरह शातिके साथ कष्टोको सहन करते हुए निर्भय होकर अपने कार्यक्रमको बराबर आगे बढाते रहे तो सरकारको निसन्देह देश के सामने शीघ्र ही नतमस्तक होना पडेगा । प्यारे वीरो ! और भारत-माताके सच्चे सपूतो || घबराने की कोई बात नही है । महात्मा गाँधी जैसे सातिशय योगीका हाथ आपके सिर पर है । हिम्मत न हारना, कदम बराबर आागेको बढता रहे, समझ लो 'यह शरीर नश्वर है, हमारी इच्छासे यह हमे प्राप्त नही हुआ और न हमारे रखे रह सकेगा। कुटुम्ब, परिवार और धनादिककी भी ऐसी ही हालत है, उनका सयोग हमारी इच्छानुसार बना नही रहेगा । इसलिये इन सबके मोहमे पड कर प्रापको अपने कर्तव्य से जरा भी विचलित न होना चाहिए। इस समय स्वराज्यका योग आ रहा है, स्वतंत्रतादेवी वरमाला हाथम लिये हुए खडी है, सिर्फ आपकी कुछ कठिन परीक्षा और बाकी है, उसके पूरा उतरते ही भारतके गले मे वरमाला पड जायगी । आशा है, आप सब इस परीक्षाम जरूर पूरे उतरेगे और अब भारतको पूर्ण स्वाधीन बनाकर ही छोडेगे। इसी मे सब कुछ श्रेय और इसी मे । देशका सारा कल्याण है ।