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अनेकान्त-रस-लहरी (३)
बड़ा दानी कौन ?
एक दिन अध्यापक वीरभद्रने कक्षामे पहुंचकर विद्यार्थियोसे पूछा--'बडे-छोटेका जो तत्त्व तुम्हे कई दिनसे समझाया जा रहा है उसे तुम खूब अच्छी तरह समझ गये हो या कि नहीं ?' विद्याथियोने कहा-'हाँ,हम खूब अच्छी तरह समझ गये हैं।' ____ 'अच्छा, यदि खूब अच्छी तरह समझ गये हो तो आज मेरे कुछ प्रश्नोका उत्तर दो, और उत्तर देनेमे जो विद्यार्थी सबसे अधिक चतुर हो वह मेरे सामने आ जाय, शेष विद्यार्थी उत्तर देनेमे उसकी मदद कर सकते हैं और चाहे तो पुस्तक खोलकर उसकी भी मदद ले सकते हैं', अध्यापक महोदयने कहा।
इस पर मोहन नामका एक विद्यार्थी, जो कक्षामे सबसे अधिक होशियार था सामने आगया और तब अध्यापकजीने उससे पूछा
'बतलायो, बडा दानी कौन है ?' विद्यार्थी-जो लाखो रुपयोका दान करे वह बड़ा दानी है।
अध्यापक-तुम्हारे इस उत्तरसे तीन बाते फलित होती हैंएक तो यह कि दो चार हजार रुपयेका या लाख रुपयेसे कमका दान करनेवाला बड़ा दानी नही, दूसरी यह कि लाखोकी रकमका दान करनेवालोमे जो समान रकमके दानी हैं वे परस्परमें समान हैंउनमें कोई बडा-छोटा नही, और तीसरी बात यह कि रुपयोंका