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युगवीर-निबन्वावलो दो विकल्पोको ही रक्खा जाता है, जिनमेसे पहला विकल्प अथवा सवाल इस प्रकार है
'मानलो बगालके अकाल-पीडितोके लिये दो-दो लाख रुपयेका अन्न दान करनेवाले चार सेठ हैं, जिनमेसे (१) एकने स्वेच्छासे दान नही दिया, वह दान देना ही नहीं चाहता था, उस पर किमी उच्च अधिकारीने भारी दबाव डाला और यह धमकी दी कि यदि तुम दो लाख रुपयेका अन्न दानमे नही दोगे तो तुम्हारा अन्नका सब स्टाक जब्त कर लिया जायगा, तुम्हारे आर इनकमटैक्म दुगुनाचौगुना कर दिया जायगा और भी अनेक कर वढा दिये जावेगे अथवा डिफेस आफ इडिया ऐक्टके अधीन तुम्हाग चालान करके तुम्हे जेलमे डाल दिया जायगा, तुम्हारी जायदाद जब्त करली जायगी और तुम जेलमे पडे पडे सड जानोगे । और इलिये उसने धमकीके भयसे तथा दबावसे मजबूर होकर वह दान दिया है । (२) दूमरेने इस इच्छा तथा प्राशाको तेत र दान दिया है कि उसके दानमे गवर्नर साहब या कोई दूसरे उच्चाधिकारी प्रमन्न होगे और उस प्रसन्नताके उपलक्षमे उसे ऑनरेरी मजिस्ट्रेट या रायबहादर-जैसा कोई पद प्रदान करेगे अथवा उसके बढते हुए करोमे कमी होगी और अमुक केसमे उसके अनुकूल फैसला हो सकेगा। (३) तीमग्ने कुछ ईर्षाभाव तथा व्यापारिक दृष्टिको लक्ष्यमे रखकर दान दिया है। उसके पडौसी अथवा प्रतिद्वद्वीने ५० हजारका अन्न दान किया था, उमे नीचा दिखाने, उसकी प्रतिष्ठा कम करने और अपनी धाक तथा साख जमाकर कुछ व्यापारिक लाभ उठानेकी तरफ उमका प्रधान लक्ष्य रहा है । (४) चौथेका हृदय सचमुच अकाल-पीडितोके दु खसे द्रवीभूत हसा है और उसने मानवीय कर्तव्य समझ कर स्वेच्छामे बिना किसी लौकिक लाभको लक्ष्यमे रवखे वह दान दिया है। बतलामो इन चारोमे बडा दानी कौनसा सेठ है ? और जिस अन्नदानीको तुमने अभी बडा दानी बतलाया है वह यदि इनमेसे पहले नम्बर