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बड़ेसे छोटा मोर छोटेसे बडा
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सब विद्यार्थी - हीं हो गई है। यह रहस्यकी बात पहले हमारे ध्यानमे ही नही प्राई थी कि, इस तरह भी बडीसे छोटी और छोटीसे बडी चीज़ हुआ करती है। अब तो प्राप नीचे छोटी लाइन बना कर इसे बडी भी कर देगे ।
श्रध्यापक जीने तुरत ही नीचे एक इचकी लाईन बना कर उसे साक्षात् बडा करके बतला दिया ।
५ इंच
३ इच
१ इच
अब अध्यापक वीरभद्रने फिर उसी विद्यार्थीसे पूछा'तीनो लाइनोकी इस स्थितिमे तुम अपनी मार्क की हुई उस बीची लाइनको, जो बडीसे छोटी और छोटीसे बडी हुई है, क्या कहोगे - छोटी या बडी ?"
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विद्यार्थी - यह छोटी भी है श्रौर बडी भी । अध्यापक -- दोनो एक साथ कैसे ?
विद्यार्थी -- ऊपरकी लाइनसे छोटी और नीचेकी लाइन से बडी हे अर्थात् स्वय तीन-इची होनेसे पाच इची लाइनकी अपेक्षा छोटी श्रौर एक-इची लाइनकी अपेक्षा बडी है । और यह छोटापन तथा बडापन दोनो गुरण इसमे एक साथ प्रत्यक्ष होनेसे इनमें परस्पर विरोध तथा असर्गात जैसी भी कोई बात नही है ।
अध्यापक -- प्रगर कोई विद्यार्थी इस बीचकी लाइनको एक वार ऊपरकी लाइनसे छोटी और दूसरी वार ऊपरकी लाइनसे ही बडी बतलावे और इस तरह इसमें छोटापन तथा बडापन दोनोका विधान करे तब भी विरोधकी क्या कोई बात नही है १
विद्यार्थी -- इसमें जरूर विरोध आएगा । एक तो उसके कथनमे