________________
(५०)
गौतम बुद्ध को जब जन्म लेना हुआ तो उन्होंने कुल, देश आदि प्रश्नों पर विचार किया और निश्चय किया कि इसी मध्य देश में बुद्ध, चक्रवर्ती, आदि जन्म लेते रहे हैं, वहीं मैं भी जन्म लूंगा । ( निदान कथा, पृष्ठ ३८ )
२ - 'महावग्ग' (भाग ५, पृष्ठ १२-१३ ) के अनुसार 'मज्झिम देश' की सीमा पूर्व में कजंगल तक ( जिसके बाहर महासाल (1) नगर था ), दक्षिण पूर्व में सललवती ( सारावती) नदी तक, दक्षिण में सतकणिएक नगर तक, और पश्चिम में थूना (कुरुक्षेत्र) के ब्राह्मण- प्रदेश तक ( २ ) और उत्तर में उशीरध्वज पर्वत तक थी । ( 3 )
३- 'जातकट्ठ कथा' में मज्झिम देश की परिभाषा निम्नलिखित रूप में है :
----
मज्झिमदेसो नाम पुरत्थिमदिसाय कजंगलं नाम निगमो तस्स अपरेन महासाला, ततो परं पच्चन्तिमा जनपदा ओरतो, मज्मे पुत्रदक्खिणाय दिसाय सळलबती नाम नदी, ततो परं पच्चन्तिमा जनपदा ओरतो मज्, दक्खिणाय दिसाय सेतकण्णिकं नाम निगमो, ततो परं पच्चन्तिमा जनपदा ओरतो मज्झे, पच्छिमाय दिसाय थूनं नाम ब्राह्मणगामो, ततो परं पच्चन्तिमा जनपदा ओरतो मज्झे, उत्तराय दिसाय उसीरद्धजो नाम पञ्चतो, ततो परं पच्चन्तिमा जनपदा ओरतो ममेति एवं विनये वृत्तो पदेसो । (४)
१ - विमलचर ला ने यहाँ 'महाशाल' से नगर का अर्थ लिया है, जबदूसरों ने उसे 'वन' लिखा है । मेरे विचार से भी 'वन' ही ठीक है । 'हिस्टारिकल ज्यागरैफी आव इंडिया' (पृष्ठ १३ ) में भी लेखक ने यही भूल की है !
२- श्री ला ने पश्चिम की सीमा लिखते हुए "टूद' ब्राह्मण डिस्ट्रिक्ट आव थूत" लिखा है; पर मूल में 'थूनं नाम ब्राह्मएागामो—थून नामक ब्राह्मणगाँव - लिखा है । मेरे विचार से ला महोदय ने मूल का अर्थ भ्रामक रूप में दिया है ।
1
३- ' ज्यागरैफी आव अर्ली बुद्धिज्म', पृष्ठ १-२
४-जातकट्ठ कथा-भारतीय ज्ञानपीठ, काशी द्वारा प्रकाशित,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
पृष्ठ ३८-३९॥
www.jainelibrary.org