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(६३) तंत्रकी स्थापना कब हुई, इस सम्बन्ध में प्रोफेसर सूरजदेवनारायण तथा प्रो. हरिरंजन ने अपना मत इस रूप में प्रकट किया है। ___ " इससे यह परिणाम निकाला जा सकता है कि वैशाली गए की स्थापना वैशाली के राजा सुमति का आतिथ्य स्वीकार करने वाले रामायण के नायक राम और महाभारतयुद्ध के बीच के समयमें हुई ।.... राम के पुत्र कुश के बाद से बृहद्बल तक-जो उस वंशका अन्तिम राजा था और महाभारत युद्ध में अभिमन्यु द्वारा मारा गया-अठ्ठाइस राजाओं की सूचि पुराणों में मिलती है ( देखिये वी० रंगाचार्य लिखित-प्री मुस्लिम इंडिया' पृष्ठ ३६४-३६५) उस युद्धकी निश्चित तिथि का ढूंढ निकालना किसी प्रकार भी आसान नहीं है । किन्तु महाकाव्यों एवं पुराणों के प्रमाणों के आधार पर डा० हेमचंद्र रायचौधरी का विचार है कि अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित का राज्याभिषेक करीब १४-वीं सदी ई० पू० के मध्य हुआ था (हेमचंद्र रायचौधरी लिखित 'पोलिटिकल हिस्ट्री आव ऐंशेण्ट इण्डिया', पृष्ठ १६) यदि ऐसी बात हो तो बुद्ध के कई शताब्दी पूर्व वैशाली प्रजातंत्रका अस्तित्व मानना पड़ेगा।'
६–केन्द्रीय सरकारकी राजधानी नेपालको तराई में स्थित जनकपुर से उठकर वैशाली (मुजाफरपुर जिले में स्थित बसाढ़) आगयी जो ६-व शताब्दी ई० पू० में बड़े महत्व का नगर हो गया (3)। (ग) जैन-दृष्टिकोण १- इतश्च वसुधावध्वा मौलिमाणिक्यसन्निभा।
वैशालीति श्रीविशाला नगर्यस्त्यगरीयसी ।। आखंडल इवाखंडशासनः पृथ्वीपतिः ।
चेटीकृतारिभूपालस्तत्र चेटक इत्यभूत् ॥(१) (१) वैशाली-अभिनंदन-ग्रन्थ पृष्ठ, १००-१०१। (२) राइस डेविड्स की मान्यतानुसार विदेह की राजधानी मिथिला वैशालीसे
उत्तर-पश्चिम में ३५ मीलकी दूरी पर थी। (बुद्धिस्ट इंडिया, पृष्ठ २६) और जातकों के अनुसार चम्पा से मिथिला ६० योजन दूर थी।
(जातक, हिन्दी-अनुवाद भाग ६, पृष्ठ ३६) (३) 'हिस्ट्री आव तिरहुत' एस. एन. सिंह-लिखित पृष्ठ ३४-३५ । (४) त्रिषष्टिशालाका पुरुष-चरित्र, पर्व १०, पृष्ठ ७७, श्लोक १८४, १८५।।
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