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मुजफ्फरपुर जिले में - बसाढ़ के नाम से प्रसिद्ध है । बसाढ़ के आसपास कोसों तक फैसे हुए पुराने अवशेष इसकी पुष्टि करते हैं । बसाढ़ के आसपास बनिया, कोलुआ, कूमन छपरागाछी, वासुकुण्ड वस्तुतः वैशाली के निकट के वाणिज्यग्राम, कोल्लाग - सन्निवेश, कर्मारग्राम और कुण्डपुर की अवस्थिति की सूचना देते हैं ।
यह बसाढ़ गाँव ही प्राचीन काल की वैशाली थी, इस ओर सब से पहिले कनिंघम का ध्यान गया। वीवियन द सेंट मार्टिन ने भी उनसे सहमति प्रकट की । यद्यपि कुछ अन्य यूरोपीय विद्वानों ने कुछ अन्य मान्यताएँ स्थापित कीं; पर विंसेंट स्मिथ ने उन्हें निराधार सिद्ध करके बसाढ़ को ही वैशाली सिद्ध कर दिया । स्मिथ ने अपनी मान्यता के समर्थन में निम्नलिखित प्रमाण पेश किये हैं
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१ - केवल थोड़े से परिवर्तन से प्राचीन नाम अब भी प्रचलित है ।
२- पटना तथा अन्य स्थानों से भौगोलिक सम्बन्धों पर विचार करने से भी बसाढ़ ही वैशाली ठहरता है ।
३ – सातवीं शताब्दी के चीनी यात्री युआन च्वाङ द्वारा दिये गये वर्णन से भी हम इसी परिणाम पर पहुँचते हैं ।
४ - बाढ़ की खुदाई में 'सीलें' (मुहरें ) मिली हैं, जिन पर 'वैशाली' नाम दिया हुआ है ।
१- 'आर्यालाजिकल - सर्वे - रिपोर्ट', प्रथम भाग, पृष्ठ ५५ - ५६; १६, पृष्ठ ६ ।
'इंडालाजिकल स्टडीज', भाग ३, पृष्ठ १०७ ।
२ - 'इंडालाजिकल स्टडीज', भाग ३, पृष्ठ १०७ ।
३ - ' जर्नल आव रायल एशियाटिक सोसाइटी', १६०२, पृष्ठ २६७ । ४- एसाइक्लोपीडिया आव रेलिजन ऐंड एथिक्स' भाग १२, पृष्ठ
५६७-५६८ ।
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