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शीघ्रबोध भाग २ जो.
अबाडग वृक्ष, दाडिम, उम्बर वडनदी वृक्ष, पीपरी जंगाली मिथावृक्ष दालीवृक्ष कादालीवृक्ष इत्यादि ओरभी जिस वृक्षके फलमे अनेक बीज हो वह सब इनके सामिल समझना चाहिये जिस्के मुल कन्द स्कन्ध साख परवालमें असंख्यात जीव है पत्रोंमे प्रत्येक जीव पुष्पोंमे अनेक जीव फलमें बहुत जीव है।
(२) गुच्छा-अनेक प्रकारके होते है |गण सल्लाइ थुडसी जिमुणीके लच्छाइके मलानीके सादाइके इत्यादि
(३) गुम्मा-अनेक प्रकार के होते है जाइ जुइ मोगरा मा. लता नौमालती वसन्ती माथुली काथुली नगराइ पोद्दिना इत्यादि।
(४) लता-अनेक प्रकारकी होती है पद्मलता वसन्तलता नागलता अशोकलता चम्पकलता चुमनलता पैणलता आइमुक्त. लता कुन्दलत्तर श्यामलता इत्यादि ।
(५) वेल्लीके अनेक भेद है तुबीकीवेल्ली तीसंडी, तिउसी, पुंसफली, कालंगी, एल, वालुकी, नागरवेल्ली घोसाडाइ (तोरू) इत्यादि।
(६) इक्षुके अनेक भेद है इक्षु इक्षुवाडी वारूणी कालइक्षु पुडइक्षु बरडइनु एकडइक्षु इत्यादि ।
(७) तृणके अनेक भेद है साडीयातृण मोतीयातृण होती. यातृण धोब कुशतृण अर्जुनतृण आसाढतृण इकडतृण इत्यादि.
(८) बलहके अनेक भेद ताल तमाल तेकली तम्र तेतली शाली एरंड कुरुबन्ध जगाम लोण इत्यादि।
(९) हरियाके अनेक भेद है अजरूवा कृष्णहरिय तुलसी संदुल दगपीपली सीभेटका सराली इत्यादि। ..