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शीघ्रबोध भाग ५ बां.
(१६) ३ ,, ० (१७) ३ , ०
१ १
१ ३
(२३) ३ ;, १ (२४) ३ ,, ३. २५) ३ ,, ३ .
३ १ १
३ १ ३
(२१) ३ ,, १ १ ३ एवं भांगा २७+ (२२) ३ , १ ३ १
समु० एक जीव मोहनीय कर्म वेदतों ७-८-६ कर्म बांधे एवं मनुष्य शेष २३ दंडक ७-८ कर्म बांधे। ___ समुः घणा जीव मोहनीय क्रर्म वेदतां ७-८-६ कर्म बांधे जिस्मे ७-८ कर्म बांधने वाले सास्वते ६ कर्म बांधने वाले असास्वते जिसका मांगा।
(१) ७-८ कर्म बांधने वाले घणा। - (२) ,,
,, छ कर्म बांधने वाले एक (३) ,
, घणा घणा नारकी मोहनी कर्म वेदता ७-८ कर्म बांधे जिसमें कर्म बांधने वाले सास्वते ओर ८ कर्म बांधने वाले असास्वते जिसका भांगा३।
(१) सात का घणा (२) सात का घणा आठ को एक (३) सात का घणा आठ का भी घणां एवं मनुष्य तथा एकेंद्री वर्ज १८ दंडकोंका भांगा ५४ समजना. एकेद्री में सात कर्म बांधने वाला घणा और आठ कर्म बांधने वाला भी घणा ।
धणा मनुष्य में मोहनी कर्म वेदतां ७-८-६ कर्म वांधे जिसमें x जेसे वेदनीय कर्म वैसे ही आयुष्य, नाम, गोत्र, समझना ।