Book Title: Shighra Bodh Part 01 To 05
Author(s): Gyansundar
Publisher: Sukhsagar Gyan Pracharak Sabha

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Page 425
________________ बन्धाधिकार. २४ असंज्ञी पंचेन्द्री अप० उ० स्थि० वि० २५ असंज्ञी पंखेन्द्री पर्या० उ० स्थि० वि० २६ संयती का उत्कृष्ट स्थि० सं० गु० २७ देशव्रत्तीका ज० स्थि० सं० गु० २८ देशप्रतीकाका उ० स्थि० सं० गु० २९ सम्यक्त्वी पर्या० का जघन्यस्थि० सं० गु० ३० सम्यक्त्वी अप० जघन्यस्थि० सं० गु० ३१ सम्यक्त्वी अप० का उत्कृष्टस्थि० सं० गु० ३२ सम्यक्त्वी पर्या० का उ० स्थि० सं गु० ३३ संझी पंचेन्द्री पर्या० का ज० स्थि० सं० गु० ३४ संज्ञी पंचेन्द्री अप० का ज० स्थि० सं० गु० ३५ संज्ञी पंचेन्द्री अप० का उ० स्थि० सं० गु० ३६ संज्ञी पंचेन्द्री पर्या० का उ० स्थि० सं. गु० ( ३७९ ) सेवं भन्ते सेवं भन्ते तमेव सच्चम्. see G66666666666 इति शीघ्रबोध भाग ५ वां समाप्तम्. 1999999999999999999999999999999656 समाप्त.

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