________________
(११२)
शीघ्रबोध भाग २ जो.
प्र
अब सामान्य प्रकार से निर्जराके बारहा भेद इसी माफाक है। अनसन, उनोदरी, भिक्षाचरी, रस परित्याग, कायाक्लेश, तिसंलेषना, प्रायश्चित्त, विनय, वेयावच्च, स्वाध्याय, ध्यान, कायोत्सर्ग इनके विशेष ३५४ भेद है ।
अनसन तपके दो भेद है ( १ ) स्वल्पमर्यादितकाल ( २ ) यावत् जीव जिसमे स्वल्पकालके तपका छे भेद है श्रेणितप, परसरतप, घनतप, वर्गतप, वर्गावर्गतप, आकरणीतप.
श्रेणितपके चौदा भेद है एक उपवास करे, दो उपवास करे, तीन उपवास करे, च्यार उपवास करे, पांच उपवास करे, छे. उपवास करे, सात उपवास करे, अद्ध मास करे मास करे, दो.. मास करे, तीन मास करे, च्यार मास करे, पांच मास करे, छे मास करे.
१ २ ३
परतरतप जिस्के सोलह पारणा करे देखो यंत्रसे. एसी च्यार परिपाटी करे, पहले परपाटीमें विगइ सहित आहार करे: दुसरी परपाटीमें विगइ रहित आहार करे, तीसरी परिपाटी में लेप रहित आहार करे, चोथी परिपाटीमें पारणेके दिन आंबिल करे, एक उपवास कर पारणो करे, फीर दो उपवास करे, पारणों कर तीन उपवास करे, पारणो कर व्यार उपवास करे. यह पहली परिपाटी हुइइसी माफीक कोष्टकमें अंक माफीक तपस्या करे. अन्तरामें पारणो करे... एवं च्यार परिपाटी करे. घनतपके
३ ४
ខ
१
२
३.
चौसठ पारणा करे. च्यार परिपाटी पूर्ववत् समजना ।
२
३
४.
१
४
१
२