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क्रियाधिकार.
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कीसी याचकके अन्न पाणी वस्त्रादिकी आवश्यक्ता होने से उने तीव्र क्रिया लगति है और कीसी दातारने अपनि वस्तुकि ममत्व उतार उसे देदी तो उन याचक कों पतली क्रिया लगती है और दातारकी ममत्व उतारनेसे उन पदार्थकि क्रिया बन्ध हो गई है।
कियाणा - कीसी मनुष्यने क्रियाणा वेचा. कीसी मनुष्यने क्रियाणा खरीद किया, वेचनेवालेकों क्रिया हलकी हुई, और लेनेवालोंको भारी हुइ कारण वेचनेवालोंकों तो संतोष हो गया अब लेनेवालोंको उनका संरक्षण तथा तेजी मंदीका विचार करना पडता है, माल वेचीयों तीकों तोल दीनों रूपैया लीना नहीतों बेचनेवालोंकों दोनों क्रिया हलकी. लेनेवालोकों दोनो क्रिया भारी लगती है । मालतों तोलीयों नही और रूपैया ले लीना इनसे बेचनेवालोंकों क्रिया भारी, खरीदनेवालोंकों रूपैया कि क्रिया हलकी हुइ । माल तोलके रूपैया ले लीना तो रूपैया लेनेवालोंकों रूपैयाकी क्रिया भारी. माल उठानेवालोंकों मालकी क्रिया भारी लगती है ।
कीसी मनुष्य की दुकान पर से एक आदमि एक वस्तु ले गया उनकी शोधके लिये घरधणी तलास कर रहा, उनोंकों कीतनी क्रिया ? जो सम्यग्दष्टि हो तो च्यार क्रिया. मिथ्यादृष्टि हो तो पाच क्रिया. परन्तु क्रिया भारी लागे और तलास करनेपर वह वस्तु मील जावे तो फीर वह क्रिया हलकी हो जाति है ।
ऋषि - कोई मनुष्य अश्वगजादि कोइ जीवकों मारेतों उन अश्वगजादिके पाप से स्पर्श करे अगर दुसरा कोइ जीव विचमें मरजावे तो उनके पाप से भी मारनेवाला जरूर स्पर्श करे । एक
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