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क्रियाधिकार. ( १३९) क्रिया पांच प्रकारकि है काइयाक्रिया अधिगरणीया पायसिया परतापनिया पाणाइवाइ किया समुच्चयजीव और चौवीस दंडकमें पांच पांच क्रिया पावे. एवं १२५ भांगा हुषा. (१) जीवकाइया अधिकरणीया. पावसिया यह तीन क्रिया करे वह परतापनीया पाणाइवाइयाभी करे ( २ ) तीन क्रिया करे वह चोथी क्रिया करे पांचमी नही करे. (३) तीन क्रिया करे वह चोथी पांचवी नभी करे. (४) तीन क्रिया न करे वह चोथी पांचवी क्रियाभी न करे. इसी माफीक च्यार भांगा स्पर्श करनेकाभी समझ लेना. यह समुच्चय जीवों में आठ भांगा कहा इसी माफीक मनुष्य में भी समजना शेष २३ दंडकमें चोथो आठवों भांगो छोडके छे छे भांगा समझना. कुल भांगा १५४ हुवे ।
क्रिया पांच प्रकारकी है आरंभिया, परिग्रहिया, मायावत्तिया, मिथ्यादर्शन वत्तिया, अपच्चखानिया, समुच्चजीव और चोवीसदंडकमें पांच पांच क्रिया पानेसे १२५ भांगा होते है।
समुच्चयजीव आरंभियाक्रिया करे वह परिग्रहीयाक्रिया करते है या नही करते है देखो यंत्रसे क्रियाक नाम. | आरंभी० परिग्रह. मायावति. मिथ्यादर्शन. अपच्चखामि.
आरंभिया नियमा भजना नियमा भजना : भजना
परिग्रहीया नियमा नियमा भजना भजना । भजना
मायाव
भजना ! भजना नियमा भजना भजना त्तिया मिथ्या नियमा नियमा नियमा नियमा नियमा
अपञ्चखानि नियमा नियमा नियमा, भजना | नियमा