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श्री संवेगरंगशाला
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थी और एक दिन उसने उद्यान में रहे अति विश्वासु जितशत्रु को अति मात्रा में मदिरा पान करवा कर गंगा नदी में फेंक दिया ।
इस तरह अपने मांस और रुधिर को देकर भी पोषड़ किये शरीर वाली निर्भागी स्त्रियाँ उपकार भूलकर पुरुष को मार देती हैं । जो स्त्रियाँ वर्षाकाल की नदी समान नित्यमेव कलुषित हृदय वाली, चोर समान धन लेने की एक बुद्धि वाली, अपने कार्य को गौरव मानने वाली, सिंहनी के समान भयंकर रूप वाली, संध्या के समान अस्थिर - चंचल रूप वाली और हाथियों के श्रेणियों के सदृश नित्य मद से या विकार से व्याकुल होती हैं वे स्त्रियाँ कपट हास्य से और बातों से, कपटमय रुदन से और मिथ्या शपथ से अति विलक्षण पुरुष को भी विवश करती हैं । निर्दय स्त्री पुरुष को वचन से वश करती है और हृदय से नाश करती है । क्योंकि उसकी वाणी अमृतमय और हृदय विषमय समान होता है । स्त्री शोक की नदी, पाप की गुफा, कपट का घर, क्लेश करने वाली, वैर रूपी अग्नि को प्रगट करने में अरणी काष्ट समान दुःखों की खान और सुख की शत्रु होती है । इस कारण से ही महापुरुष 'एकान्त में मन विकारी बनता है।' इस भय से माता, बहन या पुत्री के साथ एकान्त में बात नहीं करते हैं । सम्यक् दृढ़ अभ्यास किये बिना म्लेच्छ-- पापी कामदेव के बाण समूह समान स्त्रियों की दृष्टि के कटाक्षों को जीतने में कौन समर्थ है ? पानी से भरे हुये बादलों की श्रेणी जैसे गोनस जाति के सर्प के जहर को बढ़ाता है वैसे ऊँचे स्तन वाली स्त्रियाँ पुरुष में मोह रूपी जहर को बढ़ाती हैं । तथा दृष्टि विष सर्प के समान स्त्रियों की दृष्टि का त्याग करो - उसके सामने देखो ही नहीं, क्योंकि — उसकी दृष्टि पड़ने से प्रायःकर चारित्र रूपी प्राण का नाश होता है । जैसे अग्नि से घी पिघल जाता है, वैसे स्त्री संसर्ग से अल्प सत्त्व वाले मुनि का भी मन मोम के समान तुरन्त ही विलय प्राप्त करता है । यद्यपि संसर्ग का त्यागी और तप से दुर्बल शरीर वाला हो, फिर भी कोशा वेश्या के घर में रहा हुआ सिंह गुफावासी मुनि के समान स्त्री संसर्ग के चारित्र से गिरता है । उसका दृष्टान्त इस प्रकार है :
सिंह गुफावासी मुनि की कथा
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गुरू ने स्थूलभद्र जी की प्रशंसा करने से सिंह गुफावासी मुनि को तीव्र ईर्ष्या हुई । वह मन में सोचने लगा कि – कहाँ वर्षाकाल में कोशा के घर में रहने वाला और कहाँ दुष्कर तप शक्ति द्वारा सिंह को भी शांत करने वाला आचार्य श्री संभूति विजय के ऐसे शिष्य ? अतः वह अपना प्रभाव दिखाने के