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श्री संवेगरंगशाला
शक्ति उद्यमी, उपमा से पद्यादि तुल्य, पाँच समिति के पालन में मुख्य रहने वाले, पाँच प्रकार के आचारों का धारण करने वाले, धीर और पाप को उपशम करने वाले साधुओं का, हे सुन्दर मुनि ! तू शरण स्वीकार कर । और गुणरूपी रत्नों के महा निधान रूप, समस्त पाप व्यापार से विरति वाले, स्नेह रूपी जंजीर को तोड़ने वाले हैं, संयम के भार को उठाने में श्रेष्ठ, वृषभ तुल्य, क्रोध के विजेता मान को जीतने वाले, माया को जीतने वाले, और लोभरूपी सुभट के विजयी, राग, द्वेष और मोह को जीतने वाले, जितेन्द्रिय, निद्रा का विजय करने वाले, मत्सर के विजेता, मद के विजेता, काम के विजेता और परीषह की सेना को जीतने वाले साधु भगवन्तों का, हे सुन्दर मुनि ! तू शरण स्वीकार कर ।
पास और चन्दन में समान वृत्ति वाले, सन्मान और अपमान में समान मन वाले, सुख दुःख में समचित्त वाले, शत्रु मित्र में समचित्त वाले, तथा स्वाध्याय, अध्ययन में तत्पर, परोपकार करने में केवल एक व्यसन वाले, उत्तरोत्तर अति विशुद्ध भाव वाले, सम्यक् रूप में आश्रव द्वार को बन्द करने वाले मन से गुप्त, वचन से गुप्त, काया से गुप्त और प्रशस्त लेश्या वाले श्री श्रमण भगवन्तों का, हे सुन्दर मुनि ! तू शरण स्वीकार कर । नौ कोटि प्रकार से विशुद्ध, प्रमाणोपेत, विगईयों की विशेषता रहित आहार लेते हैं, वह भी राग, द्वेष बिना छः कारणों के कारण भ्रमण वृत्ति से पवित्र, निष्पाप, वह भी एक बार विरस और साधुजन के योग्य आहार का करने इच्छा वाले सूखा, लूखा और अप्रतिकमित - सुश्रुषारहित शरीर वाले, द्वादशांगी के जानकार साधुओं की शरण तू स्वीकार कर । तथा संवेगी, गीतार्थ, निश्चल वृद्धि प्राप्त करते चरण कमल गुण वाले, संसार के परिभ्रमण में कारण भूत प्रमाद स्थानों के त्याग करने के लिए उद्यमी, अनुत्तर विमानवासी देवों की तेजोलेश्या का भी उल्लंघन करने वाले, मन, वचन, काया के कलेशों का नाश करने वाले, मानवता, श्रुति, श्रद्धा और वीर्य इन चारों अंगों को सफल करने वाले, परिग्रह के सर्वथा त्यागी बुद्धिमंत, गुणवान, श्रीमंत, शीलवंत एवं भगवन्त श्री श्रमण मुनियों का, हे सुन्दर मुनि ! तू शुद्ध भाव से शरण रूप स्वीकार कर । जैन धर्म का स्वरूप और शरण स्वीकार :- सर्व अतिशयों का निधान रूप, अन्य मत के समस्त शासन में मुख्य, सुन्दर विचित्र रचना वाला, निरूपम सुख का कारण, अव्यवस्थित कष, छेद, ताप से रहित, शास्त्र श्रवण से, दुःख से पीड़ित जीवों को दुन्दुभिनाद सदृश आनन्द देने वाला, रागादि का नाश करने वाला पडह, स्वर्ग और मोक्ष का मार्ग और भयंकर संसाररूपी कुए में पड़ते,
सकल