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और मैं कुंजी दे ही नहीं सकता। वह सारा कुछ जो उधार का है और ज्यादा झंझट पैदा करने वाला है, क्योंकि तुम तो पहले से ही जटिल हो और अब यह उधार की चीज तुम्हें और अधिक उलझनग्रस्त बना देती है।
मैंने सुना है, एक अति व्यस्त बिजनेस एक्वजक्यूटिव डाक्टर से मिलने गया, उसे बताया गया कि उस पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है और उसे व्यायाम करना चाहिए
एक पहिया ले लीजिए और कार में चलने के बजाय इसे चलाते हुए रोज आफिस आएं-जाएं, इससे आप नये आदमी हो जाएंगे, डाक्टर ने बताया।
तो उसने एक पहिया खरीदा और जैसा डाक्टर ने कहा था करने लगा। प्रतिदिन वह इसे चलाता हुआ जाता और कार्यावधि में उसे गैरेज में रख दिया जाता। एक शाम जब वह किसी तरह घर को चला उसे पता लगा कि पहिया खो गया है, गैरेज वाले ने कहा, किसी गलती से उसका पहिया किसी और को दे दिया गया है। लेकिन चिंता न करें श्रीमान, उसने कहा, हम बिना कोई कीमत लिए कल दूसरा ला देंगे।
एक्जिक्यूटिव बोला : कल? कल से तुम्हारा क्या मतलब है? मैं आज रात अपने घर कैसे पहुंच पाऊंगा?
यदि समझ वहां नहीं हो, तो सारी विधियां सहायक होने के स्थान पर बाधाएं बन जाती हैं।
और अगर समझ मौजूद ही नहीं और तुम मेरी आंखों से देखना शुरू कर दो तो तुम्हारी आंखें देखना बंद तो नहीं कर देंगी, वे मेरी आंखों के माध्यम से देखती रहेंगी। इससे तो बहुत उलझन होने वाली है। एक और कहानी :
'मैंने सुना है कि तुम्हारे पति ने घर की आग से पूरी की पूरी भौंहें जला डाली हैं? एक महिला ने अपनी सहेली से पूछा।
हां, उत्तर आया, लेकिन चिकित्सक ने उनका बेहतरीन इलाज किया। दरअसल उसने कुत्ते के पिछले पांव से बाल लेकर उनकी नई भौहें प्रत्यारोपित कर दीं।'
यह तो आश्चर्यजनक है, उसकी मित्र ने कहा, अब कैसा चल रहा है?
ओह, कोई ज्यादा बुरा भी नहीं है, वह बोली, मैं तुम्हें बता दूं अब भी उन्हें कुछ समस्या है। जब भी बिजली के खंबे के पास से गुजरते हैं तो वे भौचक्के हो जाते हैं।
आज इतना ही।