________________
आज इतना ही।
प्रवचन 90 - अब तुम वाटरूलू पुल से छलांग लगा सकते हो
प्रश्न-सार:
1-काम की समस्या उठ खडी हुई है, क्या किया जाए?
2-निष्क्रियता पूर्वक सजग कैसे हुआ जाए?
3-मेरा सामान रेलगाड़ी ले जाती है, मैं रह जाता है। इस स्वप्न का अर्थ क्या है?
4-जिस समय आप मुझसे कुछ कहते हैं मैं आपकी बात नहीं मानता। इससे छुटकारा कैसे हो?
प्रश्न: मैं किसी अन्य गुरू के निर्देशन में साधना कर रहा था। उस समय मेरे लिए 'काम' समस्या लेकिन मेरे मन में तनाव रहा करते थे। आपकी छत्रछाया में आकर तनाव खो चुके है, किंतु 'काम' की एक नई समस्या उठ खड़ी हुई है। 'काम' के कारण एक नया तनाव आरंभ हो रहा है। इस अवस्था में क्या किया जाए? कृपया मेरा मार्ग निर्देशन करें।
एक बार तम किसी बात को समस्या की भांति ले लो तो इसे हल करना असंभव हो जाता है। ऐसे
तो किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। यदि तुम किसी समस्या में बिना इसे समस्या की भांति स्वीकार किए-गहराई तक देखो, तो समाधान स्वत: ही सतह पर आ जाता है। इसलिए सीखने