________________ एक बहुत धनवान महाजनी का व्यवसायी स्टॉक एक्सचेंज में एक सफल उद्यमी के रूप में प्रतिष्ठित था, लेकिन गोल्फ के मैदान में बहुत फिसड्डी था। वह अपनी खराब मनोदशा के लिए अपनी कैडी को कोसा करता था। और एक सुबह एक खराब खेल के बाद वह चिल्लाया, तुम्हें तो संसार की सबसे बुरी कैडी होना चाहिए। ओह नहीं, महोदय, कैंडी ने उत्तर दिया, यह केवल संयोग हो सकता है। एक सबसे खराब गोल्फ का खिलाड़ी और संसार की सबसे बुरी कैडी? यह एक दुर्लभ संयोग है। एक ऐसी स्त्री को खोज पाना बहुत दुर्लभ संयोग होगा। ऐसा पहले कभी हुआ नहीं। और मैं नहीं सोचता कि ऐसा भी हो सकता है। ऐसा कभी पता नहीं लगा कि किसी- परम ज्ञान को उपलब्ध व्यक्ति ने बच्चों को जन्म दिया हो। हां, तुमने सुन रखा होगा कि बुद्ध के एक पुत्र था, किंतु ऐसा तब हुआ था जब वे परम ज्ञान को उपलब्ध नहीं हुए थे। महावीर के एक पुत्री थी, किंतु वह भी उनके परम शान को उपलब्ध होने से पूर्व की थी। गुरजिएफ के कई स्त्रियों से अनेक बच्चे थे, किंतु यह भी उसके परम शान को उपलब्ध होने से पूर्व घटित हुआ था। और तुम्हें भलीभांति ज्ञात होना चाहिए कि वे बच्चे, यहां तक कि बुद्ध का पुत्र राहुल भी, स्वयं को बुद्ध का पुत्र सिद्ध न कर सका। महावीर की पुत्री ने किसी भी प्रकार से सिद्ध नहीं किया कि वह महावीर की पुत्री है, वह सामान्य सिद्ध हई। वह इतनी सामान्य थी कि जैनों का एक संप्रदाय यह विश्वास करता है कि यह एक पौराणिक आख्यान है : महावीर का कभी विवाह नहीं हुआ और उनके घर में कभी कोई संतान नहीं हई। वह पुत्री इतनी सामान्य थी जैसे कि वह है ही नहीं। क्या तमने कभी किसी परम ज्ञान को उपलब्ध व्यक्ति के पुत्र या पुत्री को परम शान को उपलब्ध होते सुना है? यह संयोग एक बहुत दुर्लभ संयोग है। और इसमें एक और बात भी जुड़ी हुई है। पहली, एक अविक्षिप्त व्यक्ति एक अविक्षिप्त स्त्री को पा ले, फिर वे दोनों मिल कर जन्म लेने के लिए एक अविक्षिप्त आत्मा की खोज करें। यह समस्या बहुत जटिल है, क्योंकि तुम स्त्री की खोज इसलिए करते हो क्योंकि तुम विक्षिप्त हो। क्योंकि अभी तक तुम अपने भीतर की स्त्री से नहीं मिले हो, इसलिए तुम स्त्री की खोज करते हो। स्त्री एक पुरुष की खोज करती है, क्योंकि वह अभी तक अपने भीतर के पुरुष से नहीं मिली है। क्योंकि तुम अपने भीतर एक परिपूर्ण समग्र नहीं हो इसलिए तुम बाहर खोजने जाते हो। पहली बात, जिस क्षण तुम अपने भीतर समग्र हो जाते हो-होली, पवित्र व्यक्ति होने का यही अर्थ है। वह व्यक्ति जो समग्र हो गया है-फिर तुम बाहर नहीं खोजते। कोई आवश्यकता न रही। तुम भागते भी नहीं यदि कोई स्त्री तुम्हारे सामने आ जाती है, तो तुम दूर नहीं भागते और तुम पुलिस को खबर नहीं करते कि एक स्त्री सामने आ रही है। यह भी अच्छा है। यदि कोई स्त्री सामने आ जाती है, बिलकुल ठीक हैं। यदि वह दूर चली जाती है, यह भी एकदम सही है।