________________ इसके थोड़े से समय के बाद ही उस डाक्टर की अनुपस्थिति में एक जर्मन रोगी को देखने के लिए इस नवयुवक सहायक को बुलाया गया, इस रोगी का चेहरा लाल था और उसे तेज बुखार था। सहायक ने उसे कॉर्ड बीफ और गोभी खाने की सलाह दी। ठीक अगले दिन ही सहायक को बताया गया कि जर्मन रोगी का निधन हो गया है। उसने अपनी नोट बुक में तब यह बात लिखी : कॉन्ड बीफ और गोभी आयरिश व्यक्ति के लिए अच्छे हैं, जर्मनों को मार डालते हैं। यही है जो तुम मेरे साथ कर रहे हो-संकेतों का संकलन। जरा समझने का प्रयास करो कि मैं क्या कह रहा हूं। संकेतों का संकलन मत करो। बस मुझको देखो, मैं यहां क्या कर रहा हूं। मेरे और तुम्हारे मध्य यहां ठीक इसी क्षण में क्या आदान-प्रदान हो रहा है; अभी इसी क्षण में तुम्हारे और मेरे मध्य ऊर्जा का कैसा विनिमय चल रहा है। इसका निरीक्षण करो, इसको अनुभव करो और इसे अपने अस्तित्व में घुल-मिल जाने दो। नोट्स मत बनाओ, वरना तुम सदैव परेशानी में रहोगे। अंतिम प्रश्न.... और यह बहुत गंभीर प्रश्न है, कृपा करके इसे मजाक की तरह मत लेना। चितानंद ने पूछा है: यहां पर केवल आप ही एक मात्र व्यक्ति है जो विक्षिप्त नहीं है। आपने बच्चों को जन्म क्यों नहीं दिया? क्या परम ज्ञान को उपलब्ध व्यक्ति भी कभी-कभार बच्चों को जन्म देते मन इसके बारे में कभी सोचा नहीं। भले ही तुम मेरे उत्तरों से कुछ न सीखो, किंतु मैं तुम्हारे उत्तरों से कुछ न कुछ सीखता रहता हूं बहुत अच्छा खयाल है यह। मैं इसको स्मरण रखूगा। लेकिन एक व्यवहारिक समस्या है : एक ऐसी स्त्री पाना जो अ-विक्षिप्त हो, बहुत कठिन है। पहली बात, एक ऐसा व्यक्ति पाना ही कठिन है जो विक्षिप्त न हो और फिर एक स्त्री? करीब-करीब असंभव है। कठिनाई बहुगुणित हो जाती है। मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं।