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पर प्रेम को करीब-करीब कुचल दिया गया है, मौत के मुहाने पर खड़ा है प्रेम प्रेम को दोनों उपायों से क्षति पहुंची है पूरब में लोग सुरक्षा, सुविधा तथा औपचारिकता से आसक्त हैं पश्चिम में वे अपने अहंकार की स्वतंत्रता, अप्रतिबद्धता से आसक्त हैं लेकिन प्रेम को दोनों उपायों के कारण रही है।
पहुच
मैं प्रेम के पक्ष में हूं। न में पूर्वीय हूं और न पाश्चात्य, और मैं इस बात की जरा भी चिंता नहीं करता कि तुम किस समाज के हो। मैं किसी समाज का नहीं हूं। मैं प्रेम के पक्ष में हूं। सदैव स्मरण रखो, यदि यह प्रेम का संबंध है, तो शुभ है।
जब तक प्रेम जारी है, उसमें बने रहो, और जितना संभव हो सके उतनी गहराई से प्रतिबद्ध रहो।
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जितनी समग्रता से संभव हो सके इसमें रहो, संबंध में डूब जाओ। तब प्रेम तुमको रूपांतरित कर पाने में समर्थ हो जाएगा। किंतु यदि प्रेम नहीं है, तो परिवर्तन कर देना बेहतर है। किंतु तब बदलाहट को अपनी लत मत बन जाने दो, इसको एक आदत मत बनाओ। इसको एक यात्रिक आदत मत बनने दो कि प्रत्येक दो या तीन वर्ष बाद परिवर्तन करना ही है, जैसे कि व्यक्ति को प्रत्येक दो या तीन वर्ष के बाद या प्रत्येक वर्ष के बाद अपनी कार को बदलना पडता है। एक नया मॉडल बाजार में आ गया है, अब क्या किया जाए? – तुमको अपनी कार बदलना ही पडेगी। अचानक तुम्हारी भेंट किसी नई स्त्री से हो जाती है। उसमें कोई खास अंतर नहीं है। स्त्री वैसे ही एक स्त्री है जैसे कि पुरुष एक पुरुष है। अंतर तो गौण हैं, क्योंकि यह प्रश्न ऊर्जा का है। स्त्रैण ऊर्जा तो स्त्रैण ऊर्जा ही है। प्रत्येक स्त्री में सारी स्त्रियों का प्रतिनिधित्व है, और प्रत्येक पुरुष में सभी पुरुषों का प्रतिनिधित्व है। अंतर हु सतही हैं नाक थोड़ी सी लंबी है या यह कुछ लंबी नहीं है; बाल सुनहरे हैं या काले-छोटे-छोटे अंतर, बस ऊपरी सतह के। गहराई में प्रश्न स्त्रैण ऊर्जा या पुरुष ऊर्जा का है। इसलिए यदि प्रेम है तो उससे आबद्ध रहो। इसको विकसित होने का एक अवसर दो। किंतु यदि यह नहीं है, तो इसके पहले कि तुम प्रेमविहीन संबंध के आदी हो जाओ, परिवर्तन कर लो।
पश्चात्ताप-कक्ष, कफेशनल बाक्स में एक युवा विवाहिता ने पादरी से गर्भनिरोधक गोलियों के प्रयोग के बारे में पूछा। तुमको उनका उपयोग नहीं करना चाहिए, पादरी ने कहा। वे परमेश्वर के नियम के प्रतिकूल हैं। एक गिलास पानी पी लो।
गोली खाने से पहले या उसके बाद विवाहिता ने पूछा।
उसके स्थान पर ! पादरी ने उत्तर दिया।
तुम मुझसे पूछते हो कि पूर्वीय ढंग का अनुगमन किया जाए या पश्चिमी ढंग का?
किसी का भी नहीं; तुम दिव्य ढंग का अनुगमन करो और दिव्य ढंग क्या है? प्रेम के प्रति ईमानदार बने रहो यदि प्रेम है, तो प्रत्येक बात की अनुमति है यदि प्रेम नहीं है, तो किसी बात की अनुमति